हाल ही में जापान के सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली नेताओं में शुमार पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की शुक्रवार को एक चुनावी सभा के दौरान भाषण देते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई।
इस हत्या न केवल दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों में से एक माने जाने वाले जापान के लोगों को स्तब्ध कर दिया बल्कि पूरी दुनिया इस घटना को लेकर सकते में आ गई।
भारत ने दुख की इस घड़ी में अपनी संवेदनाएं जताने के साथ ही जापान की जनता के साथ एकजुटता का सन्देश भी सम्पूर्ण विश्व को दिया।
पीएम मोदी ने भी काफी भावुक अंदाज में अपने खास दोस्त आबे को श्रद्धांजलि दी थी, साथ ही उन्होंने आबे के प्रति गहरे सम्मान के प्रतीक के तौर पर 9 जुलाई को एक दिन का राष्ट्रीय शोक रखे जाने की भी घोषणा की थी।
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से प्रधानमंत्री मोदी की मित्रता सबसे अधिक रही और यह मित्रता दुनिया भर में काफी चर्चित एवं लोकप्रिय रही।
हाल ही में अमेरिका के एक लीक दस्तावेज में इस बात का खुलासा हुआ है कि ईरान ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति समेत कई अमेरिकी अधिकारियों को मारने की साजिश रची है।
यह चौंकाने वाला खुलासा राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधी केंद्र की लेटेस्ट रिपोर्ट में हुआ है, इस रिपोर्ट का दावा है कि ईरान चुनिंदा अमेरिकी अधिकारियों के खिलाफ अभियान चला रहा है।
ईरान पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके पूर्व सेक्रेटरी ऑफ स्टेट माइक पोम्पियो की हत्या करने या उनके अपहरण की साजिश रच रहा है।
ईरान यह सजिश अपने पूर्व कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेने के लिए कर रहा है, दरअसल ईरान का कमांडर सुलेमानी अमेरिका के एयर स्ट्राइक में ढेर हो गया था।
सुलेमानी को अमेरिका ने इराक में एयरस्ट्राइक करके मारा था, इस ड्रोन स्ट्राइक का आदेश डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान दिया था।
सुलेमानी जनवरी 2020 में इराक गए थे तभी बगदाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उन पर एयर स्ट्राइक हुई।
ईरान ने अपने शक्तिशाली मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद से ही इस साजिश को रचना शुरू कर दिया।
सुलेमानी की मौत के एक साल बाद जनवरी 2021 से ही ईरान खुले तौर पर अमेरिका में हमला, डोनाल्ड ट्रंप और पूर्व सेक्रेटरी ऑफ स्टेट माइक पोम्पियो को टारगेट बनाने की बात करता रहा है।
इस रिपोर्ट के लीक दस्तावेज में कहा गया है कि ईरान इस तरह के टार्गेट को सुलेमानी की मौत का बदला मानेगा।