बिहार में एक पैर पर 1 किलोमीटर कूदकर स्कूल जाती है ये मासूम, बोली ‘पढ़ती हूँ ताकि गरीबों को पढ़ा सकूँ’

बड़े होकर टीचर

बनने का सपना देखने वाली जमुई की बिटिया सीमा के हौसले को आज पूरा देश सलाम कर रहा है. इस बच्ची ने एक हादसे में अपने पैर तो गंवा दिए लेकिन अपने जुनून और जज्बे को मरने नहीं दिया. वो अपने एक पैर से ही अपने सपनों की तरफ एक एक कदम बढ़ाती रही. सीमा प्रतिदिन अपने एक ही पैर पर कूद कर एक किलोमीटर दूर स्कूल जाती थी.

सीमा के हौसले से

भरी यही तस्वीर इंटरनेट पर वायरल हो गई. उसे एक पैर के सहारे कूद-कूद कर स्कूल जाती देख देश-दुनिया ने उसके जज्बे को सलाम किया. सीमा की तस्वीर वायरल होने के बाद उसकी मदद के लिए अभिनेता सोनू सूद, मंत्री अशोक चौधरी, सुमित सिंह आदि सहित कई लोग आगे आए. शिक्षक बनने की चाह रखने वाली सीमा के सपनों को पूरा करने में पहली मदद की बिहार शिक्षा परियोजना ने.

The POWER of social media! Just days after Seema’s video went viral on social media, many good souls came forward to lend a helping hand and today she can stand on both her “feet”! She has got an artificial leg and can now walk with ease!

Cheers to constructive use of SM! ❤️❤️ pic.twitter.com/VobBHuOZy7

— Prashant Kumar (@scribe_prashant) May 27, 2022

भागलपुर में

संचालित कृत्रिम अंग एवं अवयव निर्माण केंद्र के कर्मियों को 25 मई को सीमा के बारे में जानकारी मिली. इसके बाद केंद्र के पीओई की टीम ने सर्व शिक्षा अभियान के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी देवेंद्र नारायण पंडित से संपर्क किया.टीम के सदस्य सुमन कुमार का कहना है कि वे सीमा के लिए कृत्रिम पैर बनाएंगे. डीपीओ ने यह सवाल किया कि सुमन कुमार की टीम कितने समय में सीमा के लिए कृत्रिम पैर का निर्माण कर सकती है. इसके जवाब में पीओई की टीम ने कहा कि पैर की माप आने के 24 घंटे के अंदर कृत्रिम पैर बन जाएगा. इसके बाद जमुई से सीमा के पैर का माप भागलपुर मंगवाया गया.

पीओई की टीम ने

26 मई सुबह 6 बजे से कृत्रिम पैर बनाना शुरू कर दिया. इस कार्य में सुमन कुमार, मुकेश कुमार, रंजीत झा, शालिनी, अरविंद कुमार, प्रवीण कुमार आदि ने सुबह से लेकर रात 12 बजे तक अपना योगदान दिया और बिना रुके, बिना थके कृत्रिम पैर बनाने में लगे रहे. ये टीम चाहती है कि सीमा को उसके पंख मिलें और वह अपने सपनों को पूरा करने की उड़ान भर सके.

कृत्रिम पैर बनाने

के क्रम में परेशानी भी आई. सुमन कुमार ने बताया कि इसे बनाते हुए कई बार बिजली कट गई. इसके बावजूद पूरी टीम अपना काम करती रही. सामने तभी चैन की सांस ली जब 26 मई की रात 12 बजे कृत्रिम पैर बनकर तैयार हो गया. खुशी की बात ये है कि 27 मई को टीम ने जमुई पहुंचकर सीमा को दूसरा पैर लगा दिया गया.

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