सुपरटेक डेवलपर के कुछ लंबित प्रोजेक्ट को पूरा किया जा सके, इसके लिए सुपरटेक द्वारा फंड की व्यवस्था के लिए एक बड़ा निर्णय लिया गया है।
सुपरटेक का यह निर्णय मेरठ और हरिद्वार स्थित चार कामर्शियल प्रोपर्टी को बेचने का है और इससे सुपरटेक को करीब 1,000 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है।
इस 1,000 करोड़ की राशि का उपयोग सुपरटेक द्वारा मौजूदा लंबित परियोजनाओं के निर्माण में तेजी लाने और कर्ज चुकाने के लिए किया जाएगा।
हालाँकि सुपरटेक डेवलपर ने कुछ साल पहले भी इन परिसंपत्तियों को बिक्री के लिए रखा था लेकिन कोविड महामारी के कारण व्यापार क्षेत्र के बुरी तरह प्रभावित होने के कारण इनकी बिक्री नहीं हो सकी।
इस बार सुपरटेक द्वारा दो होटल एवं दो शॉपिंग मॉल बिक्री करने का निर्णय लिया गया है, ये होटल और शॉपिंग मॉल उत्तर प्रदेश के मेरठ और उत्तराखंड के हरिद्वार में स्थित हैं।
सुपरटेक लिमिटेड ने जारी बयान में कहा कि उसकी योजना मेरठ और हरिद्वार स्थित चार वाणिज्यिक परिसंपत्तियों को अनुमानित 1,000 करोड़ रुपये में बेचने की है।
यह मौजूदा परियोजनाओं के निर्माण में तेजी लाने और कर्ज चुकाने के उसके प्रयासों का हिस्सा है।
गौरतलब है कि 10 जून 2022 को नेशनल कंपनी लॉ अपीलेंट ट्रिब्यूनल (NCLAT) की ओर से एक आदेश जारी किया गया था।
इसमें सुपरटेक लिमिटेड के ग्रेटर नोएडा वेस्ट के प्रोजेक्ट ईको विलेज-2 के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया चलाने का आदेश जारी किया गया।
सुपरटेक लिमिटेड के ईको विलेज-2 प्रोजेक्ट के लिए कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स का गठन को कहा गया।
पूर्व में 25 मार्च 2022 को नेशनल कंपनी लॉ अपीलेंट ट्रिब्यूनल द्वारा सुपरटेक लिमिटेड के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया चलाने का आदेश भी दिया गया था।
यूनियन बैंक की ओर से इस प्रकरण में याचिका दायर की गई थी, जिसमें सुपरटेक पर यूनियन बैंक का 432 करोड़ बकाया की वसूली का जिक्र भी किया गया।