बिहार में शिक्षा और लेखन की कभी कमी नहीं रही है। नालंदा विश्वविद्यालय, दुनिया का सबसे पहला विश्वविद्यालय से लेकर दूसरा सबसे ज्यादा आईएएस अधिकारी और आईपीएस अधिकारी देने वाले राज्य बनने तक का सफर बिहार ने तय किया है।
इसी रिवाज़ को कायम रखते हुए बिहार के 18 वर्षीय युवा सय्यद अमजद हुसैन (Syed Amjad Hussain) ने अपनी बारहवीं कक्षा में पढ़ाई करते हुए बिहार के इतिहास के अज़ीम हस्तियों के बारे में एक पुस्तक लिख डाली।
अमजद बताते हैं, उन्हें इतिहास और राजनीति में काफी रुचि है। वह अपनी पढ़ाई के साथ साथ किताब लेखन करीब 1 साल से कर रहे थे।
उनकी पुस्तक द इटरनल्स ऑफ़ बिहार (The Eternals of Bihar) में बिहार के उन 19 लोगो के बारे में हैं जिन्हे देश दुनिया भूल चुकी है अथवा जानती ही नहीं।
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कहां से आया पुस्तक लिखने का आइडिया?
पुस्तक लिखने के आइडिया के बारे में पूछे पर अमजद ने बताया की, मैं बचपन में घर में रखे किताबों को पढ़ता था। जिसमें एक किताब में उनके गांव में तत्कालीन राजा शेर शाह सूरी के शेखपुरा और उनके गांव के पहाड़ आने की बात थी। लेकिन वह चीज हमेशा से छिपी रही।
अमजद ने पहले उसपर थोड़ी जांच–पड़ताल की। और उसे सही पाया। उनके गांव के पिछले हिस्से पर गोवाली खांड का ज़िक्र है जिसे शेर शाह सूरी ने बनवाया था। उसके बाद से उन्होंने इसी तरह इतिहास के छुपे हुए बातों को निकालना धीरे धीरे शुरू किया।
उन्हें बिहार के ऐसे कई हस्तियों के बारे में मालूम चला जो को आज के ज़माने में लोग भूल चुके हैं, और अधिकतर लोग जानते ही नहीं।
कौन है सय्यद अमजद हुसैन?
सय्यद अमजद हुसैन (Syed Amjad Hussain) बिहार के दूसरे सबसे छोटे जिला शेखपुरा (Sheikhpura) के जमुआरा (Jamuara) गांव में पैदा हुए एवं वहीं पले – बड़े। उन्होंने अपनी दसवी तक की पढ़ाई दिल्ली पब्लिक स्कूल, शेखपुरा (Dps, Sheikhpura) से की। कक्षा बारहवीं में उन्होंने अपना नामांकन एस ए डी एन कॉन्वेंट स्कूल में करवाई।