फरवरी 2022 में शुरू हो रहे चुनाव में सियासी दलों की सियासत केवल सत्ता की कुर्सी तक सीमित होती नहीं दिख रही बल्कि यह सियासत राजनीतिक घरानों के मुखिया की कुर्सी तक की होगी.
उत्तरप्रदेश के युवाओं के लिए चुनावी रंग से लबरेज युवा घोषणापत्र जारी कर रही प्रियंका गाँधी ने अपने पास बैठे राहुल गाँधी को भी भविष्य के राजनीतिक रंग दिखाते कुछ ऐसा कहा जिसने यह काफी हद तक साफ किया कि उनकी दावेदारी आगामी चुनावों में मुख्यमंत्री तक ही नहीं बल्कि 2022 के चुनावों के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद की भी हो सकती है !
क्यूँकि प्रियंका गाँधी का यह मानना और कहना कि “दिख तो रहा है सब जगह मेरा ही चेहरा” इस इशारे को राजनीतिक विश्लेषकों ने भी सिर्फ उत्तरप्रदेश चुनाव तक न सीमित समझने की बात कही है.
सोनिया गाँधी मौजूदा समय में काँग्रेस की कार्यवाहक अध्यक्ष हैं, और गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल आदि कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने फुल टाइम अध्यक्ष न होने पर सार्वजनिक रूप से नाराज़गी जताई है !