कुछ समय पहले उत्तर प्रदेश के कैराना में पलायन की खबर ने देश का ध्यान खींचा था जहाँ सांप्रदायिक हिंसा के कारण हिन्दूओं को अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
अब मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के एक गांव में कुछ ऐसा हो रहा है, जहां हिन्दूओं ने मुस्लिम समुदाय द्वारा उनके ऊपर हो रहे लगातार उत्पीड़न और घर छोड़ के जाने की धमकियों से त्रस्त होकर अपना घर छोड़ने की बात कही है।
उत्पीड़न के शिकार हिन्दू समुदाय ने जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें उन्हें चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन उनकी चिंताओं को दूर करने में विफल रहता है तो वे तीन दिन में सुराना गांव छोड़ देंगे।
सुराना, रतलाम जिले के अंतर्गत स्थित एक गाँव है, जिसकी आबादी लगभग 2,200 है। गांव में 60 प्रतिशत से अधिक लोग मुसलमान हैं जबकि शेष 40 प्रतिशत हिंदू हैं।
मंगलवार को एसडीएम अभिषेक गहलोत के कार्यालय पहुंचे हिन्दूओं के एक समूह ने मीडिया को बताया कि उनके गांव में साल भर साम्प्रदायिक सौहार्द बना रहा लेकिन हाल ही में दूसरे समुदाय के सदस्यों की ज्यादतियों के बाद तनाव बढ़ गया है।
स्थानीय लोगों ने मीडिया को बताया कि दोनों समुदाय दशकों तक शांत और शांतिपूर्ण तरीके से रहे, लेकिन हाल ही में हिन्दू परिवारों पर हमले और दुर्व्यवहार में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ फर्जी प्राथमिकी दर्ज कर हिंदुओं को धमकाया जा रहा है।
इस क्षेत्र में तनाव के बीच, हिंदुओं ने अपने घरों के बाहर ‘बिक्री’ के साइनबोर्ड लगा दिए हैं। उत्पीड़न में जीवन जीने और प्रशासनिक उदासीनता के चलते इन ग्रामीणों को अपने घरों को छोड़ कर जाने के अलावा कोई अन्य उपाय नहीं बचा है।
पुलिस ने हाल ही में गांव में दोनो समुदायों के बीच एक बैठक आयोजित की थी। जहाँ चीजें नियंत्रण में दर्शाई गयीं। बैठक के दौरान, हिंदुओं ने मुस्लिम मूल निवासियों पर अवैध कार्यों में शामिल होने का आरोप लगाया था। उन्होंने पुलिस पर उनके खिलाफ झूठे मामले दर्ज करने का भी आरोप लगाया।
मुख्यमंत्री को संबोधित अपने ज्ञापन में, ग्रामीणों ने कहीं और जमीन की मांग की थी क्योंकि वे अब अपने पैतृक गांव में नहीं रहना चाहते हैं।
मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मामले का संज्ञान लिया और जिला अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी। मिश्रा ने कहा, “किसी को भी आतंक फैलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी और हम आवश्यक कार्रवाई करेंगे।”