हाल ही में संपन्न हुए पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव में बुरी तरह हारने के बाद कांग्रेस नेतृत्व एक बार फिर पार्टी में दम भरने की पूरी कोशिश में जुट गया है. इसी को लेकर एक प्रयोग राजस्थान के उदयपुर में ‘चिंतन शिविर’ के आयोजन के रूप में देखा जा सकता है.
नरेंद्र मोदी के प्रधानमन्त्री बनने के बाद देश भर में लोकसभा एवं विधानसभा के करीब 45 चुनाव हुए हैं जिसमें से कांग्रेस पार्टी ने मात्र पांच चुनाव जीते, अमूमन सभी मुख्य चुनावों में कांग्रेस को बुरी तरह से हार का मुंह ही देखना पड़ा
वर्ष 2014 में जब केन्र्द में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी थी, तब कांग्रेस की 9 राज्यों में सरकार थी लेकिन अब देश की यह सबसे पुरानी और सबसे ज्यादा समय तक सरकार चलाने वाली कांग्रेस पार्टी महज दो राज्यों तक सिमट गई है.
इन नतीजों ने कांग्रेस की विश्वसनीयता और नेतृत्व पर सवाल खड़ा कर दिया है. ये सवाल केवल बाहर से नहीं बल्कि पार्टी के अंदर से भी उठाए गए.
चुनावी हार से बोखलाई कांग्रेस अपने हर सियासी कदम फूंक-फूंक कर रख रही है. जिसके उदाहरण चिंतन शिविर के दौरान देखने को मिल रहे हैं
इस चिंतन शिविर में गौरतलब बात यह रही कि शिविर में नेताओं को मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं मिली, कांग्रेस ने द्वारा यह कदम सिर्फ इसलिए उठाया गया ताकि बैठक की महत्वपूर्ण जानकारी लीक न हो सके.
कांग्रेस पार्टी इस चिंतन शिविर में मोबाइल की “एंट्री” को रोकने में सफल रही है, लेकिन पार्टी के दिग्गज नेताओं को पार्टी से “एग्जिट” रोके रहने में विफल साबित हो रही है
कांग्रेस के दिग्गज नेता सुनील जाखड़ ने कांग्रेस आलाकमान पर गंभीर आरोप लगाते हुए फेसबुक लाइव के जरिए पार्टी छोड़ने की घोषणा की. जब कांग्रेस के यह वरिष्ठ नेता “गुड लक एंड गुड बाय कांग्रेस…” बोल रहे थे उस समय कांग्रेस उस समय उदयपुर में ‘चिंतन शिविर’ में व्यस्त थी
जाखड़ ने कहा कि उनके परिवार की तीन पीढ़ियों ने 50 साल तक कांग्रेस की सेवा की. इसके बाद “पार्टी लाइन पर नहीं चलने” के लिए “पार्टी के सभी पदों को छीन लिया” जाना…मुझे ये ठीक नहीं लगा.
जाखड़ आगे बोले कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाए जाने के बाद मुख्यमंत्री की नियुक्ति के मुद्दे पर पंजाब के एक खास नेता की बात पार्टी सुन रही है. जोकि पार्टी के अन्य समर्पित नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का अपमान है
राहुल गांधी को एक अच्छा इंसान बताते हुए और उन्हें चापलूसों से दूर रहने की नसीहत देते हुए सुनील जाखड़ ने गुड लक और अलविदा कांग्रेस कहते हुए अपनी बातें समाप्त की.