राहुल भट्ट की हत्या पर बोले सुब्रमण्यम स्वामी :- मोदी सरकार डरपोक है और बदला नहीं ले सकती? मोदी को जम्मू नहीं तुरंत श्रीनगर जाना चाहिए !!

सुब्रमण्यम स्वामी ने शुक्रवार को कहा कि भट्ट की हत्या को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए, जैसा कि मोदी सरकार कर रही है।  उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल किया कि हिंदुत्व की बात करने का क्या मतलब है, जब सरकार डरपोक है और बदला नहीं ले सकती? मोदी सिर्फ जम्मू क्यों जा रहे हैं? उन्हें तत्काल श्रीनगर जाना चाहिए। 

Kashmiri Pandit Rahul Bhatt's killing

बडगाम के चाडूरा में कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की हत्या के विरोध में जम्मू से लेकर कश्मीर तक लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन् कर रहे हैं, बडगाम में प्रदर्शन के दौरान आंदोलनकारियों की पुलिस से झड़प हुई सुरक्षाबलों को हालत काबू करने के लिए लाठीचार्ज तक करना पड़ा। प्रदेश भर में हालात गंभीर बने हुए हैं। 

राहुल भट्ट बडगाम जिले के तहसीलदार कार्यालय चदूरा में क्लर्क थे और वह कश्मीरी पंडितों के लिए प्रधानमंत्री पैकेज पर काम भी देख रहे थे।राहुल पर हमला तब हुआ जब वह तहसीलदार के दफ्तर में काम कर रहे थे।

आतंकियों ने उन पर नजदीक से गोलियां चला दीं, जम्मू-कश्मीर पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार हत्या में दो आतंकवादी शामिल थे और राहुल भट्ट को गोली मारने के लिए एक पिस्तौल का इस्तेमाल किया गया था।

राहुल भट्ट को बडगाम के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन उनकी गंभीर स्थिति के कारण उन्हें श्रीनगर के श्री महाराजा हरि सिंह (एसएमएचएस) अस्पताल ले जाया गया।

कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की आतंकियों द्वारा की गई हत्या को लेकर सियासत गरमा गई है,कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा के मुद्दे पर केंद्र सरकार को काफी आलोचना झेलनी पड़ रही है

सुब्रमण्यम स्वामी ने शुक्रवार को कहा कि भट्ट की हत्या को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए, जैसा कि मोदी सरकार कर रही है।  उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल किया कि हिंदुत्व की बात करने का क्या मतलब है, जब सरकार डरपोक है और बदला नहीं ले सकती? मोदी सिर्फ जम्मू क्यों जा रहे हैं? उन्हें तत्काल श्रीनगर जाना चाहिए। 

राहुल भट्ट की हत्या पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि कश्मीरी पंडितों की घर वापसी की बात हो रही थी. 7 साल में कितनो की घर वापसी हुई पता नहीं लेकिन जो वहां रह रहे थे उनको भी रहने नहीं दिया जा रहा है, उनकी भी हत्या हो रही है. मुझे लगता है गृह मंत्री को इस बारे में गंभीरता से सोचना होगा.

कश्मीरी पंडित कर्मचारियों का कहना है कि बिना सुरक्षा के वह दफ्तर नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमने बार-बार प्रशासन को सुरक्षा से संबंधित ज्ञापन दिए, लेकिन कुछ नहीं हुआ। आज इस घटना के बाद हम असुरक्षित महसूस कर रहे है

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