गांव के लोग इस विधवा को देखना अपसगुन मानते थे, लेकिन उसके दुःख देखकर इस शख्स ने कर ली उस लड़की से शादी

आज कलयुग के

इस दौर में जिस तरह से समय व्यतीत हो रहा है इस दौर में बहुत ही कम लोग ऐसे है जिन्हे अपने से ज्यादा किसी दुसरो के दुःख दर्द का ख्याल रहता है। आज कलयुग का ऐसा समय बीत रहा है जहा हर कोई का सिर्फ यही सोच बनती जा रही है कैसे दुसरो से आगे निकले, सिर्फ और सिर्फ अपने बारे में सोचना किसी दुसरो की दुःख दर्द का कोई परवाह नहीं करना, मानों आज के दौर में जिंदगी सिर्फ एक पतिस्पर्धा का खेल बन गई है। लेकिन वही अभी भी कुछ ऐसे लोग है जो अपनों से ज्यादा दुसरो की खुशियाँ का फिक्र करते है।

दरअसल कलयुग के इस दौर में आज हम आपको एक ऐसी कहानी के बारे में बताने जा रहे है जिसे सुनकर हर किसी को लगेगा की आज भी धरती पर इस कलयुग में इंसानियत बाकई जिन्दा है। आज भी कुछ ऐसे लोग है जो अपनी खुसियो से ज्यादा दुसरो की खुशियों की परवाह करते है। तो चलिए जानते है उस पूरी inspirational love story के बारे में – जहाँ एक ब्यक्ति ने समाज और लोगो की परवाह किये बिना मानवता के बारे में ज्यादा सोचा और फिर एक विधवा को ऐसी जिंदगी दी जिसके बारे में किसी ने नहीं सोचा था।

दरअसल आप की

जानकारी के लिए बता दे की यह घटना अफगानिस्तान देश की है। जहां अफगानिस्तान में जलालाबाद नाम का एक गांव है। इसी गांव से जुड़ी यह घटना है। आप को बता दे की इस गांव में एक अफसाना नाम की लड़की रहती थी। जिसका बच्चपन तो बहुत ही अच्छे से गुजरा, खेल खेल में हसीं खुसी और पढ़ाई लिखाई के बीच जिंदगी उस दौर में पहुंच गई जब, अफसाना नाम की लड़की का वही पास के गांव में ही फौज में नौकरी कर रहे ब्यक्ति के साथ शादी हो गया।

शादी होने के थोड़े ही दिनों में फौजी अपने वतन की सेवा करने के लिए ड्यूटी पर लौटा और दो देशो के बीच युद्ध के दौरान शहीद हो गया। जिसके बाद इधर अफसाना नाम की इस लड़की के साथ बुरा समय भी शुरू हो गया। उसके गांव के लोग इस लड़की को लोग ताने मारने लगे यहाँ तक की लोग इसे अप्सगुणी भी मानने लगे। जिसके बाद इस लड़की की जिंगदी शादी के सिर्फ एक ही हफ्ते में बत से बतर हो गई। गांव वाले के तने सुनसुनकर बुरा हाल हो गया वही घर से भी निकाल दिया।

इस तरह अफसाना की जिंदगी बदली –

दरअसल आप को बता दे की अफसाना नाम की लड़की का बच्चपन में एक लड़का दोस्त था। हालांकि दोनों के बीच दोस्ती ही थी, अफसाना को कभी ये नहीं मालूम था की वह लड़का इसे मन ही मन चाहता था। और लड़के ने भी कभी अपना प्यार का इजहार नहीं किया। बड़े होने के बाद पढ़ाई करने शहर चला गया और वही फिर जॉब करने लगा इस तरह करीब इस लड़के को गांव लौटे हुए 9 साल बीत गए थे। इस लड़का का नाम सलमान था। अपने गांव से दूर शहर में नौकरी करने वाला सलमान अब इतने वर्षो के बाद अपने गांव लौट रहा था।

गांव से करीब पांच किलोमीटर की दुरी पर आखरी बस स्टैंड था यही से लोग आ आवागमन हुआ करता है। बस स्टैंड में उतरने के बाद देखा की गांव के लिए इतने समय में भी कोई विकास नहीं हुआ है न ही कोई और सवारी है जिससे वह घर जा सकते फिर उसने पैदल ही चलना शुर कर दिया। अपने कंधे पर सुटकेश और बैग लिए गांव की और मंद मंद मुस्कराहट के साथ चला आ रहा था। उसके मन में अपने परिवार से मिलने की खुसी के साथ एक जिज्ञासा भी जाग रही थी की वो बच्चन की दोस्त अफसाना इस समय कैसी होगी क्या शादी हो गई या अभी भी वैसी ही है।

 

इन सभी मन में सपने को संजोये अपने गांव की तरफ सलमान धीरे धीरे बढ़ रहा था। उसके मन में एक दुःख पिछले 9 साल से ब्याप्त था की मैंने कभी क्यों नहीं अपने प्यार का इजहार अफसाना से कर पाया। मानों पूरा दिलो दिमाग पर अफसाना ही हावी होती जा रही हो जैसे जैसे गांव पास आ रहा था। उस लड़की का सूंदर सा चेहरा उसके आँखों के सामने बार बार याद आ रहा था। इसी सोच के बीच कब गांव के निकट उस पुराणी पीपल के पेड़ के पास पहुंच गया जहाँ वो बचपन में अफसाना और सलमान खेला करते थे।

अचनाक आँखों के समाने देख विस्वास ही नहीं हुआ

लेकिन अचनाक से सलमान ने अपने गांव के पेड़ के पास फटी और मैली साड़ी में एक लड़की को देखा जो बिलकुल ही अफसाना की तरह लग रही थी। पहले तो सलमान को भर्म हुआ लेकिन फिर उसने जब ध्यान से देखा तो वही चेहरा जो हमेसा से आँखों में पिछले 9 सालो से बसा था। फिर उसने पास जाकर देखा तो उसकी दशा देख कर चौक गया। क्योकि यह वही लड़की अफसाना थी। जिससे वो प्यार तो करता था लेकिन कभी इजहार नहीं किया था। लकड़ी के पास जाते ही सलामन के मुख्य से सिर्फ निकला बस एक ही आवाज, अफसाना तुम कैसे ?

अफसाना ने देखा सलमान को जब –

अफसाना नाम सुनते ही जब देखि तो वह भी सलमान को इतने समय बाद भी पहचान गई और कुछ बोल नहीं पा रही थी सिर्फ आँखों से आंशुओ के धार बह रहे थे। थोड़ी देर तक मानो वहां पर कुछ ऐसा नजारा था जैसे सायद भगवान ने ही इनदोनो को मिलवाना चाहे हो। थोड़ी देर बाद सलमान होस में आया और अफसाना को चुप कराते हुए ऐसी हालत का कारण जानना चाहा। लेकिन इस वक्त तभी पीछे से आवाज आई जब सलमान ने पलट कर देखा तो माँ आरही थी। उसने सलमान से तुरंत यहाँ से चलने को बोला, बेटा इस डायन और चुड़ैल के पास तू क्या कर रहा था, जो भी इसके पास जाता है उसका मानों बुरा दिन शुरू हो जाता है।

सबसे पहने नजरे उतारा गया –

सलमान कुछ समझ भी नहीं पा रहा था की माँ ऐसा क्यों बोल रही है। बार बार ऐसी स्वद सुनकर सलमान माँ से बोल उठा माँ बस करो वो तो आप के बेटी की उम्र की है। और अब ऐसा क्या हो गया की तुम भी ऐसी उलटी पुलटि बात बोल रही हो, बच्चपन में तो तुम उसे बहुत प्यार से अपने हाथो से खाना भी खिलाती थी। उस माँ बोली वो दूसरा समय था बेटा अब यह चुड़ैल बन चुकी है अपने ही पति को खा गई है। सलमान का हाथ पकड़कर जबरदस्ती घर ले आई और सबसे पहले सलवान की नजर और टोटके उतारी। वही दूसरी तरफ अफसाना के आँखों में आँशु बह रहे थे।

सलमान के मन में एक बेचैनी सी बन गई थी –

सलमान घर पर तो आगया लेकिन अब उसके मन में एक अजीब तरह की बेचैनी घर कर गई थी। आखिर लोगो ने ऐसा उसके साथ ऐसा शुलुक गांव वालो ने क्यों किया। घर पर सलमान के मन में तनाव बढ़ता ही जा रहा था। फिर शाम हुआ और लोगो से नजरे बचाते हुए सलमान खाना लेकर अफसाना के पास पंहुचा। जब सलमान उस पेड़ के पास पंहुचा तो देखा अफसाना उसी तरह रो रही है। किसी की आने की आहट सुन अफसना ने जब सामने सलमान को देखा तो बोली यहाँ क्यों आये हो इस समय।

दरसल आप को बता दे की सलमान ये सब अंधविस्वाशो को नहीं मानता था क्योकि वह एक पढ़ा लिखा नई पीढ़ी का युवक था। और उसे अफ्सना के साथ हो रहे सभी ब्यबहार का पता लगा लिया था। वो यह अच्छी तरह से जानता था की अफसाना का पति बॉर्डर पर तालिवानी आतंकियों से युद्ध के दौरान शहीद हो गया था। शादी के एक ही सफ्ताह में पति के शहीद हो जाने के कारन गांव के लोग उसे अप्सगुणी और डायन बताने लगे थे। और फिर उसके पिता के थोड़े ही दिनों में देहांत होने के बाद गांव के लोग उसे गांव से बाहर निकाल दिए थे।

उसके बाद सलामन ने अफसाना को समझाने की कोसिस किया तुम तो पढ़ी लिखी हो तुम गांव वालो की बातो को क्यों मानती हो। सलमान की बात सुनकर रोते हुए गांव वालो की पूरी कहानी बताई। उसके बाद बोली शायद मेरे किस्मत में यही लिखा है इस लिए मै अब बाकि की बची जिंगदी ऐसे ही गुजारना चाहती हु। समाज की रीती रिवाज का भी दुहाई सुनाने लगी। ऐसे में मै अकेली पूरी समाज के परंपरा से कैसे लड़ सकती हु अब हम्मे हिम्मत नहीं है। अब इसमें मेरा क्या कसूर है ऐसा बोल रोने लगी।

सलमान वापस शहर जाने लगा –

सलामन ने अफसाना को खाना खिलाया और कुछ कपड़े भी साथ लाया था जिसे देकर बापस घर आ गया। उस दिन के बाद से करीब साथ दिन तक सलमान गांव में रहा और एक भी पल ऐसा नहीं गुजरा जब सलमान ने अफसाना के बारे में नहीं सोचा हो। आखिर कार इसी कसमकस के बीच साथ दिन बीत गए और फिर वो शहर जाने लगा अपने नौकरी पर। माँ ने इस बार उसे उस रास्ते से नहीं जाने दी वल्कि किसी दूसरे रास्ते से बस स्टैंड तक जाकर छोड़ कर और बस में बिठाकर बापस आगे।

वही आप को बता दे की जैसे ही बस खुलने वाली थी, सलमान के मन में कुछ चल रहा था और वो बस से उतर गया और तुरंत उस पेड़ के पास गया जहाँ अफसाना रहती थी। वहाँ पहुंचने के बाद सलमान ने देखा अफसना अपने घुटने पर सर रखकर वैसे ही जिंदगी से हताश आँखों में आशु भरी बैठी है। पास पहुंचकर सलमान बोला मै शहर वापस जा रहा हु कब लौटूंगा ये बता नहीं सकता इस लिए तुमसे मिलने चला आया। अफसाना ने आखों से आँशु पोछते हुए सलमान को सफल यात्रा की बधाई दी और खुश रहने का आश्रीवाद दिया।

उसके बाद सलमान थोड़ी

देर चुप रहा फिर अफसाना से बोला मै के बात कहना चाहता हु और पूछने भी आया हु, समझलेना शायद भगवान ने ही मुझे तुमसे यह पूछने के लिए भेजा है। अफसाना एक तक सोच में पड़ गई रो सलमान को देखने लगी क्या पूछना चाहता है। सलमान ने थोड़ी देर चुप रहकर एक लम्बी साँस लेकर बोला अफसाना क्या तुम एक बार फिर से मुझसे शादी करोगी। सायद किस्मत में भगवान ने भी यही लिखा हो।

अफ्सना के मानों यह सुनकर होस ही उड़ गए हो। उसके आँख से आशुओ के धारा रुकने के नाम ही नहीं ले रहे हो। उसके बाद फिर सलमान बोला अगर तुम्हे लगता है की मेरे साथ खुशी पूर्वक रह सकती हो तो, इस गांव से दूर मेरे साथ शहर में एक नई जिंदगी की शुरआत करते है हम दोनों। फैसला तुम्हारा है एक नई जिंदगी इंतजार कर रही है। ये सब सुनने के बाद अफसाना सिर्फ रोये जा रही थी। और फिर थोड़ी देर बाद सलमान के गले लग कर भी खूब रोइ और बीते लम्हो को पीछे छोड़कर जिंगदी की नई रास्ते पर अफसाना सलमान के साथ शहर चली गई।

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