600 करोड़ की दौलत गरीबों को दान कर दी, अपने पास रखा बस एक घर

हम आप से चर्चा

करेंगे इक ऐसे परिवार जो कि 600 करोड़ की प्रॉपर्टी गरीबो के लिए दान करदी है तो आइए आपको इस पूरी खबर पर विस्तार पूर्वक बताते हैं.आपको बतादे उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में रहने वाले समाजसेवी और उद्योगपति डॉ अरविंद कुमार गोयल ने अपनी सारी संपत्ति गरीबों को दान कर दी. इनकी संपत्ति की कुल कीमत ₹600 बताई जा रही है. अरविंद गोयल ने यह दान राज्य सरकार को दिया है जिसका इस्तेमाल गरीबों की मदद के लिए होगा.

उन्होंने अपने

पास सिर्फ मुरादाबाद सिविल लाइंस स्थित कोठी रखी है.डॉक्टर अरविंद गोयल उत्तर प्रदेश,राजस्थान, महाराष्ट्र सहित राज्यों में 100 से ज्यादा शिक्षा संस्थान वृद्ध आश्रम अस्पताल में ट्रस्टी हैं. कोविड लॉकडाउन के दौरान भी मुरादाबाद के 50 गांवों को गोद लेकर उन्होंने लोगों को खाना खिलाया था और दवा का इंतजाम किया था.

डॉ अरविंद गोयल

के पिता प्रमोद कुमार और माँ शकुंतला देवी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे. उन्हें चार बार राष्ट्रपति सम्मानित कर चुके हैं. डॉक्टर गोयल ने सोमवार रात संपत्ति दान करने का ऐलान किया. इस फैसले में उनके परिवार का हर सदस्य का समर्थन है. डॉक्टर गोयल का कहना है 25 साल पहले उन्होंने अपनी संपत्ति दान करने की ठान ली थी.

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करेंगे इक ऐसे परिवार जो कि 600 करोड़ की प्रॉपर्टी गरीबो के लिए दान करदी है तो आइए आपको इस पूरी खबर पर विस्तार पूर्वक बताते हैं.आपको बतादे उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में रहने वाले समाजसेवी और उद्योगपति डॉ अरविंद कुमार गोयल ने अपनी सारी संपत्ति गरीबों को दान कर दी. इनकी संपत्ति की कुल कीमत ₹600 बताई जा रही है. अरविंद गोयल ने यह दान राज्य सरकार को दिया है जिसका इस्तेमाल गरीबों की मदद के लिए होगा.

 

उन्होंने अपने

पास सिर्फ मुरादाबाद सिविल लाइंस स्थित कोठी रखी है.डॉक्टर अरविंद गोयल उत्तर प्रदेश,राजस्थान, महाराष्ट्र सहित राज्यों में 100 से ज्यादा शिक्षा संस्थान वृद्ध आश्रम अस्पताल में ट्रस्टी हैं. कोविड लॉकडाउन के दौरान भी मुरादाबाद के 50 गांवों को गोद लेकर उन्होंने लोगों को खाना खिलाया था और दवा का इंतजाम किया था.

 

डॉ अरविंद गोयल

के पिता प्रमोद कुमार और माँ शकुंतला देवी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे. उन्हें चार बार राष्ट्रपति सम्मानित कर चुके हैं. डॉक्टर गोयल ने सोमवार रात संपत्ति दान करने का ऐलान किया. इस फैसले में उनके परिवार का हर सदस्य का समर्थन है. डॉक्टर गोयल का कहना है 25 साल पहले उन्होंने अपनी संपत्ति दान करने की ठान ली थी.

 

खबरों के अनुसार

डॉ गोयल ने बताया दिसंबर का महीना था मै ट्रेन से कहीं जा रहा था.तभी सामने से एक गरीब आदमी ठंड से ठिठुरते नजर आया. उसके पास में ना चादर थी ना पैरों में चप्पल.

उस आदमी को देखकर मुझसे रहा नहीं गया मैंने अपने जूते उतारकर उसे दे दिए. लेकिन कड़ाके की ठंड होने के कारण से मेरी भी हालत खराब होने लगी. उस दिन मैंने सोचा था इसकी तरह न जाने कितने लोग ठिठूरते होंगे.तभी से मैं गरीब और बेसहारा की मदद करता रहा हूं.

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