स्मार्टफोन ब्रांड नथिंग (Nothing) का नया स्मार्टफोन नथिंग फोन (1) भारतीय मार्केट में लॉन्च होते ही विवादों (Controversy) में घिर गया और साउथ इंडिया में इस स्मार्टफोन के बायकॉट की मुहिम शुरू हो गई।
लोगों के जमकर इस स्मार्टफोन का विरोध किए जाने के कारण की ट्विटर पर Boycott Nothing ट्रेंड करने लगा, ट्विटर पर लोगों ने #BoycottNothing, #BoycottNothingphone1 और #Dearnothing ट्रेंड कर दिया।
नथिंग कंपनी का बॉयकॉट करने की यह रही वजह
साउथ इंडिया के एक टेक रिव्यूअर ने नथिंग टीम (Nothing Team) से कॉन्टैक्ट किया और नथिंग फोन (1) को रिव्यू के लिए मांगा, परन्तु नथिंग की कम्यूनिकेशन टीम ने इस साउथ इंडियन टेक रिव्यूअर को यह स्मार्टफ़ोन मुफ्त में रिव्यू के लिए उपलब्ध नहीं करवाया।
इस टेक रिव्यू्अर ने यू-ट्यूब (YouTube) पर एक वीडियो बनाकर इस मामले जनता के सामने रखा इस विडियो के वायरल होने पर साउथ इंडिया में नथिंग फोन (1) के खिलाफ विरोध शुरू हो गया।
इस विडियो में टेक रिव्यूअर ने दिखाया कि उसे मोबाइल का डिब्बा मिला और इस डिब्बे में एक लेटर मिला जिसमें लिखा हुआ था “This Device Is Not For South Indian People” मतलब ये मोबाइल दक्षिण भारतीयों के लिए नहीं है।
सभी लोगों से उसने कहा कि “नथिंग मोबाइल ने साऊथ इंडिया के लोगों के साथ नस्लभेद किया है, स्मार्टफोन कंपनियां साउथ इंडिया टेक रिव्यूअर पर ध्यान नहीं देती हैं।
टेक रिव्यूअर ने आरोप लगाया कि खासकर तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ भाषाई टेक रिव्यूअर को टेक कंपनियां फोन रिव्यू के लिए नहीं देती हैं।
इस टेक रिव्यूअर ने साउथ इंडिया के लोगों से अपील की उनका अपमान किया है, इसलिए अब आप लोग मेरे साथ जुड़िये और Nothing का बहिष्कार कीजिये।
लोग इस टेक रिव्यूअर की बातों में आ गए और इंटरनेट में #BoycottNothing और #BoycottNothingphone1 ट्रेंड कर गया।
नथिंग स्मार्टफोन कंपनी का पक्ष
Nothing Mobile के एक अधिकारी ने कहा है कि खुद साऊथ इंडिया के तमिलनाडु में अपनी यूनिट स्थापित की है, उसे साऊथ इंडिया या साऊथ इंडियन से इतनी दिक्कत होती तो कंपनी वहां यूनिट ही क्यों शुरू करती?
और टेक रिव्यूअर ने स्वयं वो लेटर लिखा और लोगों से यह झूठ बताया कि Nothing Mobile ने साऊथ इंडियन की बेज्जती की है, उसने ऐसा सिर्फ इस लिए किया क्योंकि कंपनी ने उसे फ्री में मोबाइल नहीं दिया।
जहां बहुत लोगों ने #BoycottNothing का सपोर्ट किया वहीं काफी ऐसे भी लोग रहे जिन्होंने इसे पब्लिसिटी स्टंट बताया।
#BoycottNothing के खिलाफ जाने वाले लोगों का कहना है कि टेक रिव्यूअर ने ऐसा खुद से किया है, ना की कंपनी ने उसे कोई नस्लभेदी लेटर भेजा है, आखिर कोई मोबाइल कंपनी ऐसा क्यों करेगी?
टेक रिव्यूअर ने सिर्फ लोगों के बीच Nothing Company के बारे में झूठ फैलाया ताकि उसे पॉपुलैरिटी मिल जाए और उसे मिल भी गई।