बजरंगदल के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक प्रकाश शर्मा ने बताया अज़मेर को खूनी दरगाह

अभी हाल ही में अजमेर दरगाह के सैयद आदिल चिश्ती द्वारा हिन्दू देवी देवताओं को लेकर दिए गए आपत्तिजनक बयान के जवाब बजरंगदल के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक एवं विश्व हिंदू परिषद् के प्रवक्ता रहे प्रकाश शर्मा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

Prakash Sharma Statement on Azmer Dargah

अजमेर दरगाह के चिश्तियों और खादिमों ने पिछले कुछ दिनों में नूपुर शर्मा की टिप्पणियों और उनके समर्थन में सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर बार-बार नफरत भड़काई है।

सिलसिला जारी रखते हुए, सैयद आदिल चिश्ती – सरवर चिश्ती के पुत्र – ने हिंदू देवताओं का मज़ाक उड़ाया।

आदिल चिश्ती ने टाइम्स नाउ के साथ एक साक्षात्कार में टिप्पणी की जिसमें वह हिंदू देवताओं के बारे में अपमानजनक बातें कह रहे थे।

इस वीडियो में आदिल चिश्ती ने कहा, ‘अगर नुपुर शर्मा हिंदू हैं तो मेरे पास उनसे कुछ सवाल हैं।

333 करोड़ देवताओं के अस्तित्व पर कोई कैसे विश्वास कर सकता है? यह कैसे तार्किक है?

इस आपत्तिजनक बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए बजरंगदल के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक प्रकाश शर्मा ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि “अज़मेर शरीफ दरगाह के खादिम सरवर चिश्ती के बेटे ने जिस प्रकार कि बातें हिन्दू धर्म और देवी देवताओं के बारे में बोली हैं वह अत्यंत निंदनीय है”।

उन्होंने ने आगे कहा कि “सूफ़िस्म के नाम पर जिस प्रकार का जेहादी काम अज़मेर शरीफ दरगाह के द्वारा किया जा रहा है, धीरे धीरे उसपर से पर्दा उठने लगा है, यह सूफी दरगाह नहीं, यह ख़ूनी दरगाह है”।

उन्होंने आगे कांग्रेस पर निशाना साधते हुए बोला कि, “जहाँ – जहाँ कांग्रेस की सरकार है, वहां – वहां हिन्दू समाज के साथ जिहाद कि जो घटनाएँ हो रही हैं, वह सिर्फ इसलिए हो रही हैं क्योंकि कांग्रेस जिहादियों कि समर्थक है।

उन्होंने कहा, “हिन्दू समाज को सरवर चिश्ती के बेटे के द्वारा दिए गए किसी ज्ञान कि आवश्यकता नहीं है, उन्हें मालूम है सनातन धर्म के लोगों को अपने देवी देवताओं की किस प्रकार कि पूजा करनी चाहिए तथा देवताओं के प्रति उनका क्या भाव हो ये उनको जानकारी है”।

प्रकाश शर्मा ने केंद्र सरकार से माँग करते हुए कहा कि, “NIA को सम्पूर्ण अज़मेर शरीफ़ दरगाह की जाँच होनी चाहिए”।

उन्होंने हिन्दू समाज से भी आवाहन किया कि अज़मेर जाएँ तो पुष्कर में स्नान करें, ब्रम्हा जी के मंदिर के दर्शन करें और अज़मेर शरीफ़ दरगाह में न जाकर के जिहादी मानसिकता को बढ़ावा देने से रोकने का कार्य करें।

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