कश्मीरी पंडितों के नरसंहार और गो-तस्करों की लिंचिंग में कोई फर्क नहीं :- साई पल्लवी

पिछले काफी समय से नुपूर शर्मा के बयान के मामले को लेकर मचा सियासी घमासान अभी थमने का नाम नहीं ले रहा और इसी दौरान साउथ इंडियन एक्ट्रेस साईं पल्लवी द्वारा धर्म के नाम पर हो रही हिंसा पर एक बयान ने इंटरनेट पर नई बहस को जन्म दे दिया

Sai Pallavi's comments drew mixed reactions

अपने बिंदास और बेबाक अंदाज के लिए मशहूर साउथ फिल्मों की मशहूर अभिनेत्री साई पल्लवी एक बार फिर से सुर्ख़ियों में हैं, इस बार वजह कश्मीरी पंडितों और मॉब लिंचिंग को लेकर दिया एक बयान है।

अभिनेत्री साई पल्लवी इन दिनों अपनी अपकमिंग तेलुगू फिल्म ‘विरता पर्वम’ का प्रमोशन कर रही हैं, इस फिल्म में उनके साथ राणा दग्गुबाती भी हैं।

फिल्म प्रमोशन के दौरान एक इंटरव्यू में साई पल्लवी ने से कई तरह के सवाल किए गए, जिनके उन्होंने काफी बेबाक तरीके से जवाब दिए।

लेकिन बॉलीवुड की सुपर-डुपर हिट मूवी ‘द कश्मीर फाइल्स’ के ऊपर दिए गए एक बयान ने सोशल मीडिया पर एक नई बहस को जन्म दे दिया।

दरअसल साई पल्लवी ने कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार और उनके साथ कश्मीर घाटी में हुए नरसंहार की तुलना गौरक्षा के नाम पर होने वाली मॉब लिंचिंग से कर दी, जिस पर कुछ लोग भड़क गए।

ग्रेट आंध्र न्यूज पोर्टल को दिए इंटरव्यू में साईं ने कहा- ‘कश्मीर फाइल्स में 90 के दशक में कश्मीरी पंडितों का नरसंहार दिखाया है, अगर आप इसे धर्म की लड़ाई की तरह देख रहे हैं।

तो उस घटना के बारे में क्या कहेंगे जिसमें गायों से भरा ट्रक लेकर जा रहे मुस्लिम ड्राइवर को पीटा गया और जय श्री राम के नारे लगाने के लिए मजबूर किया गया, मेरे हिसाब से इन दोनों में कोई फर्क नहीं है।’

अपने राजनीतिक झुकाव के बारे में पूछे जाने पर, अभिनेत्री ने कहा कि वह एक तटस्थ परिवार में पली-बढ़ीं और उन्हें एक अच्छा इंसान बनना सिखाया गया।

उन्होंने कहा कि “मुझे सिखाया गया था कि मुझे उन लोगों की रक्षा करनी चाहिए जो संकट में हैं, उत्पीड़ितों की रक्षा की जानी चाहिए।”

कुछ लोग इस बयान पर साई पल्लवी को सपोर्ट उनके साहस की सराहना कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ लोग उन पर भड़क रहे हैं और उन्हें ट्रोल कर रहे हैं।

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