मध्य प्रदेश के ग्वालियर में
फौज से रिटायर होकर घर लौटे पति का पत्नी ने बहुत ही अनूठे अंदाज में रेलवे स्टेशन पर ही स्वागत किया. भिंड जिले के आजनोद गांव के रहने वाले सोनूलाल गोस्वामी 2004 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे. फौजी स्टेशन से बाहर निकले तो उनके स्वागत के लिए एक तरफ हाथी तैयार खड़ा था, दूसरी तरफ बग्घी- घोड़े सहित कई रिश्तेदार भी मौजूद थे. पत्नी आरती ने पहले तो पति सोनू की आरती उतारी, फिर उसे हाथी पर बैठाया और फिर जुलूस के साथ घर रवाना हुई. रास्ते में फौजी ने हाथी पर खड़े होकर सैल्यूट भी किया. सोनू का कहना था कि उसकी जिंदगी में फौज में भर्ती होना, आरती से शादी, दो बच्चे होना जितने आनंद के पल थे, उतनी ही खुशियों भरा उसका ये ग्रैंड वेलकम है. आरती ने कहा कि 14 साल पहले शादी के वक्त सोनू उन्हें लेने घोड़ पर बैठकर आए थे और आज वह उन्हें हाथी पर ले जाने आई हैं.
ग्वालियर
के एक फौजी ने ये कभी नहीं सोचा होगा कि रिटायर होने पर उनका स्वागत शानदार और हटकर होगा. पत्नी उनके लिए हाथी लाएगी और धूमधाम से जुलूस निकाला जाएगा. यह कल्पना यहां के रिटायर फौजी सोनू लाल गोस्वामी के लिए हकीकत बन गई. 18 साल देश सेवा करने के बाद जब फौजी सोनू स्टेशन पहुंचे तो पत्नी आरती ने रेलवे स्टेशन से लेकर घर तक उनका हाथी पर बैठाकर जुलूस निकाला. इस मौके पर उन्होंने कहा कि आज मुझे लगा कि मैं दूसरी बार दूल्हा बना हूं. वहीं, आरती ने कहा कि 14 साल पहले मेरे पति घोड़े पर बैठकर मुझे दुल्हन के रूप में लेने आए थे, आज जब वे देश सेवा कर लौट रहे थे, तो मैं पति को हाथी पर बैठाकर घर ले गई.
बता दें, भिंड जिले के आजनोद गांव के रहने वाले सोनू लाल गोस्वामी 2004 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे. वे फौज में सिपाही के रूप में ऑपरेटर की पोस्ट पर तैनात हुए. बीते 18 साल तक सेना में देश सेवा करने वाले ये फौजी 28 फरवरी को हवलदार की पोस्ट से रिटायर हुए. रिटायरमेंट की खबर लगते ही उनकी पत्नी ने आरती ने ग्वालियर में स्वागत की बड़ी तैयारी कर ली. जब सोनू रेलवे स्टेशन से बाहर निकले तो हैरान हो गए. उनके स्वागत के लिए एक तरफ हाथी तैयार खड़ा था, तो वहीं बग्घी- घोड़े सहित कई रिश्तेदार भी तैयार थे.
8 किमी तक चला जुलूस
आरती ने फौजी वर्दी में आए पति सोनू को हाथी पर बैठाया और उसके बाद पति के जुलूस को लेकर घर रवाना हुई. लगभग 8 किलोमीटर तक ये जुलूस चलता रहा. रास्ते मेंं फौजी उन्होंने हाथी पर खड़े होकर सैल्यूट भी किया. सोनू का कहना था कि उसकी जिंदगी में फौज में भर्ती होना, आरती से शादी, दो बच्चे होना जितने आनंद के पल थे, उतनी ही खुशियों भरा उसका ये ग्रैंड वेलकम है. आरती ने कहा कि 14 साल पहले उसकी शादी के वक्त सोनू उन्हें लेने घोड़ पर बैठकर आए थे. अब वे उन्हें हाथी पर ले जाने आई हैं.
पत्नी ने बताया क्यों किया ये फैसला
आरती ने बताया कि फौजी होने के चलते पति साल में कुछ ही दिनों के लिए घर आते थे. 2 बच्चों को संभालने के साथ-साथ जिम्मेदारियों ने उनकी जिंदगी को उतार-चढ़ाव से भर दिया. आखिर में आज वो पल आया कि जब पति 18 साल बाद सेना से रिटायर होकर घर लौट रहे थे. यह मौका था जब पति जिंदगी भर के लिए आरती और बच्चों के पास लौट रहे थे. आरती का कहना है उसके जीवन में यह दिन सबसे अहम दिन था. यह दिन उसकी अगली जिंदगी की शुरुआत के लिए शुभ मुहूर्त था, लिहाजा आरती ने इस दिन को यादगार बनाने के लिए अपने पति का ग्रैंड वेलकम करने का फैसला लिया. पत्नी को पति को राजा-महाराजाओं जैसा देखना था.