हम आज आपसे
राम मंदिर के विषय पर चर्चा करने जा रहे हैं. जो काफी समय से श्रद्धालुओं की पसंद बना हुआ था. श्रद्धालुओं यही कामना करते थे जल्द से जल्द राम मंदिर का निर्माण शुरू हो. जैसा कि अब निर्माण शुरू हो चुका है तो इसमें दान देने वालों की भी कमी नहीं है. काफी लंबी चौड़ी लिस्ट है. दानकर्ताओ कि इसी में अब एक बाबा का नाम सामने आया है जिन्होंने गुफा में रहते हुए करोड़ों रुपए जमा किए थे. अब गुफा से बाहर निकलने के बाद करोड़ों रुपए का दान राम मंदिर के लिए दे दिया.
आपकी जानकारी
के लिए बतादे इस बाबा को ऋषिकेश में फक्कड़ बाबा के नाम से जाना जाता है. इनका असली नाम तो स्वामी शंकर दास है लेकिन बाबा ने ऐसा दान किया की पूरा ऋषिकेश मे तारीफे की जारही है.स्वामी शंकरदास ने राम मंदिर निर्माण में एक करोड़ रूपए दान किये है. लेकिन यह दान लोग काफी हैरान है.क्योंकि बाबा खुद दान पर जीवन व्यतीत कर रहे हैं.
आपको बतादे
स्वामी शंकरदास की उम्र 83 वर्ष है. बाबा 60 वर्षो से ऋषिकेश में एक गुफा में रहते हैं. इस गुफा को देखने आने वाले लोग उन्हें कुछ दान दे जाते है. उसी से इनकी जिंदगी चल रही है. हमेशा भगवान को प्रणाम करने वाले इस बाबा को फक्कड़ बाबा के नाम से यहाँ जाना जाता है.
बाबा का कहना है
की वे हमेशा से यही चाहते थे की राम मंदिर बने और उन्होंने इस मंदिर के लिए कुछ दान की रकम जोड़ रखी थी. हालाँकि बाबा कहते हैं की यह पैसा उन्हें भी दान में ही मिला है.
खबरों के अनुसार
आपको बतादे जैसे ही बाबा एक करोड़ का चैक लेकर ऋषिकेश बैंक में गए तो बैंक कर्मचारियों ने बाबा को बोला क्यों मजाक कर रहे हो. लेकिन जैसे ही उन्होंने उनका बैंक अकाउंट चैक किया तो वे हैरान हो गये क्योंकि बाबा के खाते में दो करोड़ से भी अधिक रकम मौजूद थी. इसी रकम से बाबा ने एक करोड़ रूपए राम मंदिर के लिए दान देना चाहते थे.जब बैंक कर्मचारियों ने यह देखा तो उन्होंने बाबा को रुकने को कहा और आरएसएस प्रमुख सुदामा सिंगल को बुलाया. सुदामा सिंगल ने उन्हें रसीद दी और बाद में बैंक को चैक दिया. बैंक का चैक राम मंदिर ट्रस्ट में जारी कर दिया गया है.स्वामी शंकरदास ने कहा है की वह तो गुप्त दान देना चाहते थे.लेकिन यहाँ के कर्मचारियों ने इतना बवाल कर दिया की मेरा नाम अचानक से न्यूज़ इत्यादि में आने लग गया. मैं राम मंदिर के लिए दान की रकम जुटा रहा था और मैंने अपना फर्ज अदा कर दिया है. प्रभु श्री राम मेरे अराध्य है और उनके मंदिर के लिए मैं इससे और भी ज्यादा कर सकता हूँ.