1955 में आई
फिल्म रंगीन रातें की शूटिंग के दौरान इनकी नजदीकियां बढ़ीं. जब ये रानीखेत में फिल्म की शूटिंग कर रहे थे तो शम्मी ने गीता बाली को शादी के लिए प्रपोज कर दिया.
वेटरन एक्टर शम्मी कपूर(Shammi Kapoor) अपनी बेहतरीन डांसिंग स्टाइल और जबरदस्त एक्टिंग के लिए जाने जाते थे. फ़िल्मी पर्दे पर वह जितने एनर्जी से भरपूर नज़र आते थे असल ज़िंदगी में भी वह उतने ही जिंदादिल थे. शम्मी कपूर अपनी पर्सनल लाइफ में काफी रोमांटिक थे और वह उस ज़माने की बेहतरीन अदाकारा गीता बाली को दिल दे बैठे थे. 1955 में आई फिल्म रंगीन रातें की शूटिंग के दौरान इनकी नजदीकियां बढ़ीं. जब ये रानीखेत में फिल्म की शूटिंग कर रहे थे तो शम्मी ने गीता बाली को शादी के लिए प्रपोज कर दिया.
दोनों ने घरवालों
से बात की लेकिन इन्हें परिवार की स्वीकृति नहीं मिली.आखिरकार दोनों ने चोरी-छुपे मंदिर में शादी कर ली. शादी के दौरान शम्मी ने लिपस्टिक से मांग भरी क्योंकि उनके पास सिंदूर नहीं था. शादी के बाद गीता दो बच्चों की मां बनीं लेकिन शादी के दस साल के भीतर ही उनकी चेचक से मौत हो गई. गीता की असमय मौत से शम्मी बुरी तरह टूट गए. बच्चे छोटे थे, ऐसे में शम्मी को गीता की मौत के चार साल बाद ही नीला देवी के साथ दोबारा घर बसाना पड़ा लेकिन उन्होंने उनके सामने एक शर्त रखकर शादी की थी.
दोनों ने घरवालों से
बात की लेकिन इन्हें परिवार की स्वीकृति नहीं मिली.आखिरकार दोनों ने चोरी-छुपे मंदिर में शादी कर ली. शादी के दौरान शम्मी ने लिपस्टिक से मांग भरी क्योंकि उनके पास सिंदूर नहीं था. शादी के बाद गीता दो बच्चों की मां बनीं लेकिन शादी के दस साल के भीतर ही उनकी चेचक से मौत हो गई. गीता की असमय मौत से शम्मी बुरी तरह टूट गए. बच्चे छोटे थे, ऐसे में शम्मी को गीता की मौत के चार साल बाद ही नीला देवी के साथ दोबारा घर बसाना पड़ा लेकिन उन्होंने उनके सामने एक शर्त रखकर शादी की थी.