खून में मुख्यतः चार चीजें पाई जाती हैं –
- Red Blood Cells- RBC – लाल रक्त कणिकाएं – इनका कार्य शरीर में शरीर में ऑक्सीजन संचार करना होता है.
- White Blood Cells – WBC – सफेद रक्त कणिकाएं – इनका कार्य शरीर को संक्रमण से बचाने का होता है.
- Platelets – प्लेटलेट्स – इनका कार्य खून को जमने में मदद करना है.
- Plasma – प्लाज्मा – ये सॉल्ट्स और एंजाइम का संचार करती हैं.
खून के अंदर ब्लड एंटीजन प्रोटीन्स होते हैं, जो खून में किसी भी प्रकार के संक्रमण सूचना देते हैं तथा इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं. अगर शरीर में ब्लड एंटीजन प्रोटीन्स की कमी हो जाये तो हमारा रोग प्रतिरोधक तंत्र शरीर में बचाव की कार्य नहीं कर सकता.
जिन लोगों के शरीर में Rh फैक्टर null होता है उनके श्री में होता है ये Golden Blood. इन लोगों के Rh तंत्र में 61 एंटीजन की कमी होती है. विशेषज्ञों को इस प्रकार के खून की जानकारी वर्ष 1961 में हुई. उस समय तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार खून के चार प्रकार थे – A, B, AB और O.
इस विशेष प्रकार के खून का पहली बार पता चला जब वर्ष 1961 में एक ऑस्ट्रेलियन गर्भवती महिला के खून की जांच करने पर पता चला कि इसके बच्चे में Rh-null होने की पुष्टि हुई.
अभी तक दुनिया में सिर्फ 43 लोगों के पास इस विशेष प्रकार का (Golden Blood) खून है.