करीब 1 हफ्ते से पटना के चौक–चौराहों पर एक लेखक जिनका नाम अरुण कुमार (ARUN KUMAR) है वह अपनी पुस्तक वीरा की शपथ (VEERA KI SHAPATH) बेचते दिखाई दे रहे हैं।
बेचना तो बहुत हल्की बात है लेकिन दिलचस्प यह कि अरुण कुमार (ARUN KUMAR) के साथ उनकी पत्नी दीपिका राठी (DEEPIKA RATHI) का भी सहयोग मिल रहा है।
कितना वास्तविक लगता है जब एक पत्नी अपने पति के हर बुरे और संघर्ष के समय में साथ देती है।
तब ही शादी के समय अग्नि को साक्षी मान कर ली गई कसमों को पूरा होते हम देख सकते हैं।
हाथ में “नया लेखक हूं, पटना से सपोर्ट चाहिए” का एक बैनर लिए पति–पत्नी खड़े दिखाई दे रहे हैं।
अरुण कुमार पटना शहर के रामकृष्ण नगर के निवासी हैं। उनकी पत्नी का नाम दीपिका राठी है, जो कि दिल्ली कि हैं।
अरुण कुमार को फिल्मी दुनिया में चमकने का खुमार था लेकिन लगातार 7 साल के मेहनत के बाद भी विफलता ही मिली।
इसी कारणवश उस सपने को छोड़ दिल्ली पहुंचे और वहां यूपीएससी (UPSC) की 1 साल तैयारी की।
1 साल तैयारी करने के बाद भी अरुण कुमार के मन में थोड़ी भी संतुष्टि नहीं हुई।
उसके बाद अरुण कुमार को उनकी पत्नी दीपिका राठी ने किताब लिखने की तरकीब दी, जो अरुण को भी पसंद आई।
2018 से 2022, 4 साल लग गए एक किताब को पूरा करने में, लेकिन जब पूरी हुई तब कोई भी प्रकाशक (PUBLISHER) ने इसका प्रकाशन नहीं किया और मना कर दिया।
जिसके बाद अरुण कुमार निराश हुए लेकिन बाद में 2022 के 5 फरवरी सरस्वती पूजा के दिन उन्होंने अपनी किताब ‘वीरा की शपथ’ का विमोचन किया।
पति–पत्नी ने 5 फरवरी से ही दिल्ली के कनॉट प्लेस पर खड़े होकर पहले बेचने की तरकीब निकाली, थोड़े सफल हुए। बाद में वह 15 फरवरी को पटना में भी आए और इसी तरकीब पर काम किया और किताबे बेची।