केरल में एक गरीब औरत 46 वर्षीय सुभद्रा ने अपने 3 बच्चों के शिक्षक से ₹500 मांगे ताकि वह अपने बच्चों को पढ़ाने के साथ साथ कुछ खिला भी सके।
इनकी मांग को पूरी करते हुए उन्होंने तो 1000 रुपए दिए साथ ही सुभद्रा के बैंक खाते का ब्योरा के साथ उनकी समस्या भी लिखी।
सुभद्रा के खाते में अगले 48 घंटो के अंदर ही ₹51 लाख रुपए आए। सुभद्रा को यह मालूम होने पर उन्हें बहुत आश्चर्य हुआ।
केरल के पलक्कड़ जिले (PALAKKAD DISTRICT) के उपनगरीय इलाके कूटनाड (KUTNAD) की रहने वाली सुभद्रा (SUBHADRA) ने पिछले हफ्ते अपने छोटे बेटे की हिन्दी शिक्षिका गिरिजा हरिकुमार (GIRIJA HARIKUMAR) से मदद मांगी थी।
क्योंकि उनके पास अपने तीन बच्चों के लिए खाना खरीदने के लिए पैसे नहीं थे, उनमें से एक तबियत खराब होने के कारण बिस्तर पर पड़ा था।
सुभद्रा के पति राजन (RAJAN), जो आकस्मिक नौकरी करके परिवार के लिए जीविकोपार्जन कर रहे थे, उनका इसी साल 2022 के अगस्त में निधन हो गया।
बाद में परिवार गंभीर आर्थिक (ECONOMIC) तनाव में था क्योंकि सुभद्रा काम पर नहीं जा सकती थी क्योंकि उसके बिस्तर पर पड़े बेटे अथुल राज (ATHUL RAJ) को हमेशा ध्यान देने की आवश्यकता होती थी।
उनका सबसे बड़ा बेटा अभिन राज (ABHIN RAJ) एक तकनीकी पढ़ाई कर रहा है और सबसे छोटा बेटा अभिषेक राज (ABHISHEK RAJ) करीब के वट्टनाड सरकारी व्यावसायिक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आठवीं कक्षा में पढ़ता है और वह वहीं का छात्र है।
गिरिजा, जो अभिषेक की शिक्षिका हैं, उनके परिवार के बारे में पूछताछ करती थीं।
लेकिन परिवार की दयनीय स्थिति का पता तब चला जब कुछ दिन पहले सुभद्रा ने उन्हें फोन किया और 500 रुपये मांगे। गिरिजा ने 2 दिनो में ₹1000 दिए और कुछ दिनों बाद सुभद्रा के घर का दौरा भी किया।
गिरिजा ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर परिवार की आपबीती साझा की और मदद मांगी। सुभद्रा के बैंक खाते का ब्योरा भी साझा किया गया।
रविवार तक योगदान रुपये तक पहुंच गया। 51 लाख (51 LACS) और गिरिजा और सुभद्रा ने योगदान देने वाले सभी लोगों को धन्यवाद दिया।