एक ऐसा स्कूल जहां पैसे के जगह कचरा ले कर दी जाती है शिक्षा!

पदमपानी स्कूल (PADMAPANI SCHOOL) सेवाबीघा गांव में स्थित है जो महाबोधि महाविहार, बोधगया (BODHGAYA) धरोहर स्थल से सात किलोमीटर दूर है।

यह वर्ष 2014 में स्थापित किया गया था और यह स्थानीय लोगों और 2018 में स्कूल का दौरा करने वाले कोरियाई (KOREAN) लोगों के एक समूह द्वारा दान पर चलता है।

किताबों और स्टेशनरी (STATIONARY) के साथ, स्कूल छात्रों को मुफ्त पढ़ाई देती करता है। बिहार के नामी पर्यटन स्थल- बोधगया में स्थित है। स्कूल ने शहर को साफ रखने के लिए एक अनूठी अवधारणा रखी है।

यह जानना दिलचस्प है कि यह स्कूल ट्यूशन फीस के बजाय छात्रों से स्कूल जाने के रास्ते में आने वाले कचरे को उठाने और कुल एकत्रित कचरे को कूड़ेदान में जमा करने के लिए कहता है।

इन कूड़ेदानों को स्कूल परिसर के बाहर रखा जाता है, जिसे बाद में रीसाइक्लिंग प्रक्रिया (RECYCLING PROCESS) के लिए भेजा जाता है।

इसके अलावा इस स्कूल की एक और अनूठी विशेषता यह है कि यह अपने छात्रों को पर्यावरण को महत्व देना, भू–जल को बचाना और स्वच्छता का अभ्यास करना भी सिखाता है।

इसकी शुरुआत महादलित समुदाय के कूड़ा बीनने वालों के बच्चों से हुई थी।

इन बच्चों के परिवारों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए राजी किया।

उन्हें मनाने के लिए एनजीओ-सोशियो-एजुकेशनल फाउंडेशन (NGO– SOCIO-EDUCATIONAL FOUNDATION) के स्वयंसेवक नियमित रूप से उस गांव का दौरा करते थे।

” धीरे-धीरे बच्चे स्कूल में दाखिला लेने लगे। हमने उन्हें वर्दी, किताबें और मध्याह्न भोजन प्रदान किया, ”– फाउंडेशन के समन्वयक मनोरंजन कुमार ने कहा।

हमारे पास प्राथमिक खंड से कक्षा आठ तक 250 छात्र नामांकित हैं। हमारे सभी छात्र महादलित या ओबीसी परिवारों से हैं जो अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज सकते। हमारा मुख्य उद्देश्य विश्व विरासत स्थल के आसपास के क्षेत्र को स्वच्छ रखना है, क्योंकि हर साल दुनिया भर से लाखों पर्यटक आते हैं। हमारा दृष्टिकोण काम कर रहा है और आपको स्कूल परिसर के आसपास या बाहर कचरे का एक भी टुकड़ा नहीं मिलेगा, ”– हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक साक्षात्कार में प्रधानाचार्य मीरा मेहता ने कहा।

छात्रों को हिदायत दी जाती है कि वे स्कूल जाते समय रास्ते में एक भी कूड़ा करकट न छोड़ें।

इसके अलावा, स्कूल के कई छात्र भी अपने गांवों में स्वच्छता और जल प्रबंधन में योगदान देते हैं।

पदमपानी स्कूल, बोधगया के कक्षा आठ के छात्र प्रिंस ने कहा, “हम न केवल पर्यावरण को स्वच्छ और हरा-भरा रखने के लिए अपने प्रयासों को जारी रखते हैं, बल्कि पर्यावरण को बचाने की दिशा में काम करने के लिए ग्रामीणों के बीच जागरूकता पैदा करना भी जारी रखते हैं।”

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here