कौन सी 3 शर्तों पर दी थी फिल्मों में काम करने की इजाज़त Meena Kumari के पति कमाल अमरोही ने?

13 साल की

उम्र में मीना ने बतौर लीड बच्चों का खेल में काम किया. मीना फिल्मों में आईं लेकिन उन्हें पहचान मिलनी बाकी थी. ये पहचान दिलाई 1952 की फिल्म बैजू बावरा ने.

अनगिनत फिल्मों में चकाचौंध में नजर आने वालीं मीना कुमारी की जिंदगी हमेशा से ही प्यार की मोहताज रही और अंत इससे भी बुरा. मीना कुमारी की आज बर्थ एनिवर्सरी है.1933 में अली बक्श और इकबाल बेगम चाहते थे कि उनके घर बेटे का जन्म हो लेकिन पैदा हुई बेटी. गरीबी से परेशान अली बक्श बेटी को अनाथालय छोड़ना चाहते थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बेटी को नाम दिया गया माहजबीन जो आगे चलकर मीना कुमारी के नाम से पहचानी गईं.

13 साल की उम्र में

मीना ने बतौर लीड बच्चों का खेल में काम किया. मीना फिल्मों में आईं लेकिन उन्हें पहचान मिलनी बाकी थी. ये पहचान दिलाई 1952 की फिल्म बैजू बावरा ने. मीना ने इसी साल फिल्ममेकर कमाल अमरोही से शादी कर ली. कमाल ने पहली बार मीना को तब देखा था जब वो 5 साल की थीं. दूसरी मुलाकात करवाई अशोक कुमार ने. कमाल ने मीना को अनारकली में कास्ट किया, लेकिन फिल्म रुक गई. इसी समय मीना का एक्सीडेंट हुआ. कमाल रोज अस्पताल गए और जब पाबंदी लगी तो खत लिखते- लिखते दोनों को प्यार हो गया.

कमाल अमरोही से की शादी

दोनों ने दुनिया से छिपकर 14 फरवरी 1952 में शादी कर ली. शादी के बाद कमाल ने मीना को फिल्मों में काम करने की इजाजत तो दी, लेकिन कई पाबंदियों के साथ. शर्त थी कि मीना के मेकअप रूम में कोई पुरुष न जाए. वो रोज साढ़े 6 बजे घर लौटें. मीना पर नजर रखी जाने लगी. साहिब बीबी और गुलाम फिल्म की शूटिंग में जब देर हुई तो मीना ने रोते हुए शूटिंग की. देखते ही देखते अनबन मारपीट तक पहुंच गई. मीना पर सख्ती ऐसी थी कि जब एक बार गुलजार साहब मीना के मेकअप रुम पहुंचे तो कमाल के असिस्टेंट बकर अली ने मीना कुमारी को सबके सामने थप्पड़ मार दिया. शिकायत की तो कमाल ने उनकी बात नजरअंदाज कर दी.

मीना टूट चुकी थीं

लेकिन अब फैसला लेना ही था. मीना अपनी बहन के घर चली गईं और कभी वापस नहीं आई. शादी टूटी तो मीना नशे और नींद की दवाइयों की गुलाम बन गईं. नशे की लत उनकी गंभीर बीमारी लिवर सिरोसिस का कारण बनी. लोगों से दूरियां बढ़ गईं और मीना तन्हाई में रहने लगीं.मीना ने कमाल अमरोही की फिल्म पाकीजा में काम करना जारी रखा. मीना जानती थीं कि उनके पास अब ज्यादा समय नहीं है. 14 सालों में फिल्म पूरी हुई जिसका प्रीमियर 3 फरवरी 1972 में मराठा मंदिर में हुआ.

लिवर सिरोसिस ने ली जान

प्रीमियर में मीना कमाल के ठीक के बाजू में बैठीं. फिल्म देखकर मीना ने दोस्त से कहा, मैं मान गई हूं कि मेरे पति एक मंझे हुए फिल्ममेकर हैं. ये फिल्म ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर थी. रिलीज के अगले महीने 28 मार्च को मीना को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया जहां वो कोमा में चली गईं. ठीक दो दिन बाद 31 मार्च को मीना कुमारी का निधन हो गया.

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