कई दफा कुछ लोग
ऐसा काम कर जाते हैं कि वे दूसरों के लिये मिसाल बन जाते हैं. ऐसा ही एक कार्य भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर स्थित बाड़मेर जिले में हुआ है. यहां एक किन्नर ने अपनी जमा पूंजी से भव्य शिव मंदिर का निर्माण करवाया है.
किन्नर समुदाय की गादीपति बबीता बहन ने 50 लाख रुपये की लागत से शिव मंदिर का निर्माण करवाया है. मंदिर में भगवान शिव, पार्वती, गणेश और नंदी की भव्य मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन किया गया. रविवार को वैदिक रितिरिवाज और मंत्रोचार के साथ मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह आयोजित किया गया तो उसमें जनसैलाब उमड़ पड़ा.
बाड़मेर में रविवार का दिन
एक अनूठे आयोजन के कारण आम से खास बन गया. बाड़मेर के किन्नर समुदाय की गादीपति बबीता बहन ने जिला मुख्यालय पर 50 लाख रुपये की लागत से शिव मंदिर का निर्माण करवाया है. अभी जहां मंदिर बना है वहां बरसों पहले केवल बबूल की झाड़ियों का जंगल हुआ करता था. बबीता बहन ने बाड़मेर आने पर यह संकल्प लिया था कि जब कभी भी उनके पास पैसा होगा तो वह मंदिर जरूर बनाएगी.
बबीता बहन ने अपनी गुरु तारा बाई के समाज सेवा के नक्शे कदम पर चलते हुए लोगों के साथ ना केवल अपना स्नेह बनाए रखा बल्कि अपने सपने को भी साकार कर दिखाया. उनके पड़ोसी बताते हैं कि बबीता बहन में अपनापन बेमिसाल है. वे बीते चालीस साल से सभी से स्नेह बनाये हुये हैं.
राम मंदिर निर्माण के लिए
भी 5 लाख की राशि भेंट कर चुकी हैं, होली-दीपावली हो या फिर किसी के घर में नए सदस्य का आगमन. बबीता बहन ने गाने बजाने और दुआए देकर पाई-पाई जोड़ी और इस मंदिर का निर्माण करवाया।. ऐसा नही है की बबिता बहन ने मंदिर और धर्म कर्म की तरफ पहला कदम बढ़ाया हो. बबीता बहन इससे पहले राम मंदिर निर्माण के लिए भी पांच लाख की सहयोग राशि भेंट कर चुकी हैं.
सपना साकार हुआ तो आंखों में
आये आंसू, माता हिंगलाज शक्ति पीठ के लिए पांच लाख के गहनों समेत माता रानी भटियानी और मजीसा के दो मंदिरों में भी गहने भेंट कर चुकी हैं. कोरोना के विकट हालात में भी बबिता बहन ने लोगों की खूब मदद की थी. अब जब चालीस साल पुराना सपना रविवार को साकार हुआ तो बबीता बहन की आंखों में खुशी के आंसू आ गये.
बबीता बहन ने सभी धारणाओं को तोड़ दिया, देशभर में किन्नर समुदाय के प्रति लोगों की धारणा और नजरिया आमतौर पर बहुत ज्यादा अच्छा नहीं रहता है. लेकिन बबीता बहन ने इन सभी धारणाओं को तोड़ दिया है. बबीता बहन द्वारा धर्म कर्म के लिए बढ़ाया गया यह कदम ना केवल नजीर बन गया है बल्कि लाखों लोगों के लिए यह किसी प्रेरणा से कम नहीं है.