जम्मू-कश्मीर में पिछले दिनों में 6 टारगेट किलिंग के मामले सामने आए 12 मई को बडगाम में राहुल भट्ट (सरकारी कर्मचारी), 13 मई को पुलवामा में रियाज अहमद ठाकोर (पुलिसकर्मी), 24 मई को सैफुल्लाह कादरी (कांस्टेबल), 25 मई को अमरीन भट्ट (टीवी आर्टिस्ट) और 31 मई को कुलगाम में रजनी बाला (टीचर) और 2 जुन को विजय कुमार (बैंक मेनेजर) की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी।
पिछले तीन महीनों में आतंकवादियों द्वारा कुल 13 नागरिकों की हत्या कर दी गई है, जिससे स्थानीय लोगों, विशेषकर कश्मीरी पंडितों में डर पैदा हो गया है।
आतंकी हमलों से डरे हुए कश्मीरी पंडित बड़े पैमाने पर घाटी से पलायन की तैयारी में जुट गए हैं और अपना सामान लेकर जम्मू जाने की कोशिश में लग गए हैं, अनंतनाग के वैस्सू इलाके में भी कश्मीरी पंडित पलायन करने की तैयारी में हैं।
एकजुटता का संदेश लेकर शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी जम्मू-कश्मीर का दौरा करेंगी और उन कश्मीरी पंडितों के परिवारों से मुलाकात करेंगी, जिन्हें हाल ही में आतंकवादियों ने मार दिया गया था इस महीने की शुरुआत में शिवसेना सांसद ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर घाटी में कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा की मांग की गई थी।
शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि वह कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रही है।
महाराष्ट्र के सीएम ने मीडियाकर्मियों से कहा, “हम जो कुछ भी करेंगे, करेंगे लेकिन हम कश्मीरी पंडितों को बीच में नहीं छोड़ेंगे। उन्हें घाटी में सुरक्षित वापसी का वादा किया गया है, लेकिन उन्होंने जो कुछ भी झेला है वह सिर्फ हिंसा है।”
महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा, “कश्मीर की स्थिति बेहद चिंताजनक है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि स्थिति बार-बार दोहराई जा रही है। हम उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाएगी।”
शिवसेना ने कश्मीरी पंडितों के कल्याण और सुरक्षा की बात करते हुए बालासाहेब ठाकरे को भी याद किया।