भारतीय सेना में अहीर रेजीमेंट गठन को लेकर संसद से सड़क तक मच रहे शोर में अब जननायक जनता पार्टी, हरियाणा के प्रदेश उपाध्यक्ष अभिमन्यु राव ने भी अपना सुर मिला दिया है।
अभिमन्यु राव ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री मनोहरलाल एवं विशेष तौर से डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को पत्र लिखकर न्यायिक- तर्कसंगत एवं यादव समाज के सम्मान- स्वाभिमान से जुड़ी अहीर रेजीमेंट गठन की मांग को तुरंत प्रभाव से अमल में लाने की अपील की है।
पत्र में अभिमन्यु राव ने कहा है कि इतिहास गवाह है अहीर समाज अपनी स्वर्णिम सैनिक संस्कृति के लिए देशभर में विशेष एवं अलग पहचान रखता है। देश की आजादी से पहले के इतिहास से लेकर आज तक देश की एकता एवं अखंडता के लिए जितने भी युद्ध लड़े गए उसमें अहीर समाज के युवाओं की बहादुरी व शहादत गौरवशाली दस्तावेजों के साथ इतिहास में दर्ज है।
इस समाज ने देश की सीमाओं की रक्षा के लिए अदम्य साहस और शौर्य का परिचय देते हुए सदैव सर्वोच्च बलिदान दिया है।
अहीर समाज के योद्धाओं ने सन1739 में करनाल के मैदान में मुग़ल फ़ौज के भाग खड़े होने के बाद नादिरशाह का मुकाबला पांच हजार वीर अहीर सैनिकों ने राव बालकिशन के नेतृत्व में किया और सभी उस युद्ध के दौरान वीरता से लड़ते हुए शहीद हो गए, स्वयं नादिरशाह ने वीर अहीरों की तारीफ में मुग़ल बादशाह से कहा कि यदि ऐसे एक दो सेनापति मुझ से युद्ध में टकराते तो मेरा दिल्ली पहुंचना मुश्किल हो जाता।
सन1857 की क्रांति राव तुलाराम, राव गोपालदेव व राव किशन सिंह के नेतृत्व नसीबपुर नारनौल के मैदान में अंग्रेजो से दो-दो हाथ करते हुए 5 हजार वीर अहीरों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।
प्रथम विश्व युद्ध में 19,546 एवं द्वितीय विश्व युद्ध में 38,150 देश में जातीय अनुपात में सबसे अधिक सैनिक देने वाली कौम वीर अहीर सैनिकों ने दुनिया के अंदर अंग्रेजों के साथ विभिन्न मोर्चों पर लड़ते हुए अपना परचम फहराया और ब्रिटिश भारत के तोपखाने के इतिहास में पहला विक्टोरिया क्रॉस भी वीर अहीर उमराव सिंह को दिया गया।
आजादी के बाद सन1962 में चीन के साथ “रेजांगला का युद्ध” जोकि विश्व के 5 दुर्लभतम युद्धों में से एक है,इस युद्ध में 13 कुमाऊँ बटालियन की चार्ली सी कम्पनी के 124 वीर अहीरों की टुकड़ी ने 3000 चीनी सैनिकों के दांत खट्टे कर दिए थे और अंतिम व्यक्ति अंतिम बुलेट तक युद्ध किया।
इसके अलावा हाजी पीर का युद्ध, सन 1971 का पाकिस्तान युद्ध, कारगिल युद्ध अथवा संसद भवन हमला इन सभी में वीर अहीरों ने अपने शौर्य का परिचय देते हुए देश की आन बान शान के लिए अपनी शहादत देते हुए देश की सुरक्षा की।
युद्ध में शौर्य, पराक्रम, साहस, बलिदान के लिए दिए जाने वाले सभी मेडल वीर अहीरों के नाम लिखे हुए हैं।
अभिमन्यु राव ने डिप्टी सीएम से अपील करते हुए कहा कि जनायक चौधरी देवीलाल ने अपना पूरा जीवन जय जवान जय किसान के सम्मान व स्वाभिमान में समर्पित कर दिया था। हल और हथियार की संस्कृति में विश्वास रखने वाली इस बहादुर बलिदानी कौम की अहीर रेजिमेंट की मांग आपके नेतृत्व में स्वीकृत हो। हमारी अपील है कि आप भारत सरकार से बातचीत कर अहीर रेजिमेंट की इस जायज एवं आवश्यक मांग को जल्द ही पूरा करवाएं।