शराबबंदी फेल मगर जंगलराज पार्ट 3 अपने शिखर पर भाजपा जिला प्रवक्ता सह जमालपुर विधानसभा प्रभारी शैलेंद्र चौधरी

पटना । शराबबंदी फेल मगर जंगलराज पार्ट 3 अपने शिखर पर
भाजपा जिला प्रवक्ता सह जमालपुर विधानसभा प्रभारी शैलेंद्र चौधरी ने बिहार में शराबबंदी फेल होने के साथ नीतीश जी की अमर्यादित भाषा का जवाब देते हुए कहा की नीतीश जी बार-बार शराबबंदी शराबबंदी का जो रट्टा लगा रहे हैं बिहार में शराबबंदी कर दी हमने। मगर उनका शराबबंदी पूर्णता है निष्क्रिय है बिहार में कल से परसों तक में लगभग 38 से ज्यादा लोगों की जान नकली शराब पीने से चली गई इसके पहले भी लगातार नकली शराब पीने से जिंदगी आ जा रही है। आज के समय में लोगों के घर होम डिलीवरी हो जाती है शराब। नितीश सरकार के संसदीय मंत्री कहते हैं आप हमें खबर कीजिए फिर तभी हम ना पकड़ेंगे इतनी बेवकूफी वाली बात करते हैं सरकार इनकी है प्रशासन इनका है फिर भी यह शराबबंदी को पूर्णता सफल नहीं कर पा रहा क्योंकि इनकी नियत ही नहीं है शराबबंदी को सफल करने की क्योंकि उसी के फंड से इनकी पार्टी का फंड आता है ऐसा ना होता तो कूटनी विधानसभा में शराब व्यवसाई को उम्मीदवार नहीं बनाते। जब इनसे सवाल पूछा जाता है तो यह तू तो मैं पर उतर जाते हैं नीतीश जी आपसे इस तरह की अमर्यादित भाषा की अपेक्षा हम लोगों को नहीं थे आपने जिस तरह से कल प्रतिपक्ष के नेता विजय सिंह जी के साथ तू तू मैं मैं की और विपक्ष के विधायकों को धमकी दिया। इससे वो कहावत याद आती है “संगत से गुण होत है संगत से गुण जात”! आप पर संगति का गुण आ गया है आप जंगल राज के साथ हैं आप विनाश के साथ हैं तो और अमर्यादित भाषा का उपयोग कीजिएगा क्योंकि जब तक आप हमारे साथ थे विकास का कार्य कर रहे थे आपकी भाषा की मर्यादा बनी हुई थी नीतीश जी आप को समझने की जरूरत है इस तरह की अमर्यादित भाषा बिहार की सभ्यता और संस्कृति को बर्बाद करता है पहले भी हम जंगलराज देख चुके हैं फिर से अब देख रहे हैं अब समय बदल गया है। जनता सब जानती है अगर जनता उग्र हो गई तो आप कहीं कुर्सी कुमार से पलटू राम बने थे जनता आपको भटकूराम न बना दे। ऐसे भी राजद के एक नेता ने आपको सलाह दिया ही है कि आप आपका समय पूरा हो गया आप आश्रम में चले जाएं भगवान के भजन में मन लगाएं तो आपके और आपके पार्टी का थोड़ी बहुत इज्जत बच भी जाए। मुख्यमंत्री जी को अपनी अमर्यादित भाषा के लिए नेता प्रतिपक्ष और विपक्ष के नेताओं के साथ-साथ बिहार की जनता से माफी मांगी चाहिए और तत्कालीन नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि आप शराबबंदी तो तू करवा नहीं पाए मगर शिक्षक अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज जरूर करवा दिया फिर वही कहावत आ गई की नौकरी तो दे रहे हैं मगर गुंडे और गुंडागर्दी करने के लिए जंगलराज फैलाने के लिए और जो विकास करेंगे बिहार का जो देश की प्रगति के लिए काम करेंगे ऐसे लोगों पर लाठी चलवा रहे हैं नितेश जी संभल जाइए नहीं तो भाजपा अगर सड़कों पर उतर गई तो आप को समझने का वक्त नहीं मिलेगा।

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