भारत में यदि
सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा इज्जत वाला कोई पद माना जाता है तो वह है आईएएस और आईपीएस का पद। यह पद और ज्यादा महत्वपूर्ण इसलिए भी हो जाता है क्योकि इस पद को हासिल करने के लिए विद्यार्थी जी जान से मेहनत करते हैं। और दिन-रात एक करके पढाई करते हैं तब जाकर उन्हें सफलता मिलती है।
आज हम उत्तर प्रदेश के रहने वाले जिस लड़के के बारे में बात करने वाले हैं उसने हाल ही में आईपीएस की परीक्षा पास की है। इस लड़के ने आईपीएस की परीक्षा पास करके अपने पिता के सपने को साकार किया है। आज हम इस लड़के के बारे में बात इसलिए कर रहे है। क्योकि यह किसी अमीर परिवार से ताल्लुक नहीं रखता बल्कि एक बेहद साधारण और गरीब परिवार का सदस्य है। इस लड़के के पिता पेशे से एक चौकीदार हैं जोकि एक आईटी बिल्डिंग में चौकीदारी करते हैं जिससे परिवार का पेट पलता है।
जिस लड़के के बारे में हम बात कर रहे हैं उसका नाम आईपीएस नुरुल हसन है। नुरुल बचपन से ही पढाई में काफी ज्यादा होशियार था और इसी कारण कक्षा बारहवीं में उसे काफी अच्छे अंक प्राप्त हुवे थे।
नामी कॉलेज से किया बीटेक, फिर शुरू हुआ आईपीएस बनने का सफर
बचपन से ही नुरुल के मन में देश के लिए कुछ करने की चाहत थी। लेकिन परिवार की आर्थिक हालत सही नहीं होने और स्कूल की हालत भी ठीक नहीं थी। आईपीएस नुरू का कहना है कि वह जिस स्कूल में बारहवीं तक पढ़ने जाते थे उसकी छत से पानी टपकता था जिसकी वजह से उन्हें पडाहै करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। यहाँ तक कि उनकी किताबे भी बारिश के मौसम में भीग जाती थी। नुरुल का 12वी के बाद इंजीनियरिंग करने का मन था। जिसके लिए उन्होंने यूपी के एक नामी कॉलेज का एंट्रेंस एग्जाम दिया और उसको पास भी कर लिया।
नुरुल एक मेधावी छात्र थे, उन्होंने स्कालरशिप हासिल करके उसी पैसे से अपना बीटेक कम्पलीट कर लिया। अपनी बीटेक की स्कालरशिप और कुछ पैसे उधर लेकर नुरुल ने अपनी आईपीएस की कोचिंग शुरू कर दी। नुरुल ने अपने दूसरे ही प्रयास में आईपीएस की परीक्षा में सफलता प्राप्त किया। इस तरह से नुरुल ने भारत के सबसे बड़ा और इज्जत वाला पद हासिल करके अपने पिता का सपना पूरा किया।