किसी ने सच ही
कहा है की, अगर आपके अंदर लगन और काम करने की इछा हो तो आप कुछ भी कर सकते हो उसके लिए कोई पढाई भी मायने नही रखती हैं. पढ़ाई के लिए कहा जाता हैं कि यह सिर्फ एक नंबरों का खेल हैं अगर आपके अंदर टैलेंट हैं तो आप कुछ भी कर सकते हो और कोई भी मुकाम को अपने जीवन में हासिल कर सकते हो. आज हम आपको बताने वाले है मध्यप्रदेश राज्य के जबलपुर जिले के रहने वाले इस आदमी की बारे में क्योंकि इस आदमी ने जीवन में बहुत दुख दर्द देखे है. जिस व्यक्ति की हम बात कर रहे हैं उनका नाम मुरुगिसन हैं.
मुरुगिसन को हमेशा से इछा थी की उन्हें कुछ अलग करना था और अपना खुद का बिज़नस शुरू करना था लेकिन परिवार के आर्थिक स्थिति खराब होने की कारण से ना तो पढ़ाई पूरी हो पाई और ना ही बिज़नस शुरू करने के लिए पैसे आए. मुरुगिसन ने जीवन मे बहुत सारे दुख और तकलीफे देखे है जिसके चलते सभी लोग आज उनको अपनी प्रेणना का श्रोत मानते हैं क्योंकि उन्सिहोंने सिर्फ एक केले के कचरे से अपना व्यापार शुरू किया था और आज यह व्यापार इतना सफल हो गया कि मुरुगिसन ने आज अपनी खुद की कंपनी शुरू कर ली जिसकी कीमत करोड़ो में हैं. चलिए आपको बताते हैं कि कैसे सिर्फ एक केले के कचरे से शुरू किया गया बिज़नस आज करोड़ो का बन गया और हज़ारो लोगो के लिए रोजगार का श्रोत बन गया हैं.
केले के कचरे से शुरू किये गए बिज़नस, के चर्चे आज भी विदेशो में होते है
मुरुगिसन ने सिर्फ 8वी ही पास हैं. मुरुगिसन आगे पढ़ाई करना चाहता था लेकिन परिवार में दो वक्त की रोटी के लाले पड़ रहे थे तो मुरुगिसन ने अपनी पढ़ाई का सपना त्याग कर दिया और पिता के साथ खेती करने में जुट गए. मुरुगिसन एक दिन खेती बाड़ी करके घर को लौट रहे थे तो मुरुगिसन ने रास्ते मे एक माला बनाने वाली महिला को देखा ओर जिस तरह एक केले के कचरे से वो महिला माला में फूलों को पो रही थी मुरुगिसन को उसकी मजबूती के बारे में पता चल गया. उसी दिन मुरुगिसन ने बहुत सारे केले के कचरे को घर मे इकट्ठा कर लिया और टोकरियाँ बनाने लग गया और इसके साथ बहुत सारी मजबूती की चीजें बनाने लग गया.
मुरुगिसन के द्वारा बनाई गई इन चीजों को बहुत ज्यादा पंसद किया गया और जिस तरह केले के कचरे को रीसायकल करके इतनी अच्छी अनुसार चीज बना दी उस तरकीब को भी बहुत शाबासी और वरवाही मिली. मुरुगिसन के इस प्रोडक्ट को भारत मे ही नही बल्कि धीरे-धीरे पूरी दुनिया मे पसन्द किया जाने लगा. मुरुगिसन को अपनी इस कलाकारी के लिए भारतीय कृषि मंत्री से भी बहुत शाबाशी मिली और इतना ही नही बल्कि मुरुगिसन को राज्य सरकार ने ओर केंद्र सरकार ने बहुत सारे पुरस्कार दिए है क्योंकि मुरुगिसन बे बहुत सारे लोगो को रोजगार दिया हैं और साथ ही साथ कचरे को रीसायकल करके बहुत ही अच्छा और नेक काम किया हैं.