अख्तर ओरेनवी का असल नाम सय्यद अख्तर अहमद था। उनका जन्म ओरेन (उरैन) गांव, मुंगेर ज़िला (अब, लखीसराय) में 11 अगस्त 1911 को हुआ था। अख्तर ओरेनवी उर्दू भाषा के बड़े जानकर थे।
ओरेनवी बगदाद से आए सय्यद अहमद जाजनेरी के खानदान से माने जाते हैं।
ओरेनवी की शादी शमशा उर्फ खदीजा से हुई थी। खदीजा काको, जहानाबाद, बिहार की रहने वाली थी।
ओरेनवी ने शुरुआती तालीम मुंगेर ज़िला स्कूल से की फिर एम. ए. अंग्रेजी भाषा को लेकर किया। उसके बाद पटना विश्वविद्यालय से एम. ए. की डिग्री उर्दू में ली। उस समय वह पटना मिंटो हॉस्टल में रहते थे। बाद में वह पटना विश्वविद्यालय के फैकल्टी मेंबर (Faculty Member) भी रहे थे।
उनके मुख्य पुस्तकों में, अख्तर ओरेनवी के अफसाने, कलियां और कांटे, हसरत–ए–तामीर, बिहार में उर्दू जबान–ओ–अदब का इर्तेका, मूतालेया व मुहासेबा जैसी पुस्तकें थी। बिहार में उर्दू जबान–ओ–अदब का इर्तेका उर्दू शिक्षा बोर्ड में आठवीं की परीक्षा और ललित नारायण मिश्रा विश्वविद्यालय और मुंबई विश्वविधालय का सिलेबस है।
ओरेनवी को कालाजार की बीमारी थी
ओरेनवी भाई सय्यद फजल अहमद बिहार के पुलिस महानिरीक्षक रहे हैं।
ओरेनवी के पिता का सय्यद वजारत हुसैन था, वह भी उरैन में रहते थे। उनके पिता 2 भाई सय्यद खिलाफत हुसैन और सय्यद इरादत हुसैन से छोटे थे।
सय्यद खिलाफत हुसैन ने अपनी चौथी शादी एलिस मौदे (Alice Maude) से की थी, जो की मेरी ऐन क्लार्क की बेटी थीं।
सय्यद खिलाफत हुसैन की एक बेटी जिनका नाम नूरजहां उर्फ वेनेशिया था उनकी शादी लाहौर के त्रिलोक नाथ सेठ से हुई थी, जो बाद में दिल्ली में बस गए थे। त्रिलोक नाथ सेठ पटना मेडिकल कॉलेज में बायोकेमिस्ट्री के प्रोफेसर थे।
सेठ और वेनेशिया के बेटे रोशन सेठ बड़े अभिनेता है, जो 1982 के गांधी फिल्म में पंडित जवाहर लाल नेहरू का रोल अदा कर रहे थे। उनके भाई आफताब सेठ आईआरएस रह चुके हैं। जो जापान, ग्रीस और वेतनाम जैसे देशों के भारत के दूत रह चुके हैं।