कुत्तों द्वारा लगातार बढ़ रहा इंसानों पर हमला, सुप्रीम कोर्ट ने मांगी जानकारी

कुछ दिनों से कुत्‍तों के हमलों की घटनाएं कुछ ज्यादा सामने आ रहीं हैं। हाल ही में लखनऊ से आई एक ख़बर से पता चला की एक पिट्सबुल ने अपने ही मालक‍िन को जान से मारने की घटना हुईं।

इस तरह के ख़बर काफी तेज़ी से सामने आ रहीं हैं। आपको बता दें, ये सिर्फ विदेशी कुत्तों में नहीं देशी कुत्तों में भी सामने आ रहीं हैं। आपको बता दें, नोएडा सेक्‍टर 100 की एक ऐसी खबर सामने आई है, जहां हाईराइज़ सोसायटी में 17 अक्‍टूबर को कुछ आवारा कुत्‍तों ने एक 7 महीने को जान से मार दिया। आपको बता दे, मासूम को नोच-नोचकर जान से मार दिया गया। आपको बता दें, इस घटना के बाद कुत्‍तों को खाना खिलाने वाले डॉग लवर्स और हेटर्स के बीच घमासान छिड़ गया है।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा जानकारी मागने के बाद बता दें, वर्ष 2021 के आंकड़ों के अनुसार, हर दिन कुत्‍ते समेत अन्‍य जानवर 19,938 लोगों को काट रहे हैं। WHO ने कहा है कि दुनियाभर में होने वाले रेबीज़ के मामलों 99% कुत्तों के काटने के मामले सामने आए हैं। जानकारी के अनुसार अभी हमारे देश में 1.53 करोड़ आवारा कुत्‍ते हैं। सबसे अधिक उत्‍तर प्रदेश में जो 20 लाख से अधिक है।

इसमें राजस्‍थान,महाराष्‍ट्र और मध्‍य प्रदेश भी आते हैं, और मणिपुर, दादर व नगर हवेली और लक्षद्वीप में उपयुक्त जानकारी के अनुसार एक भी कुत्‍ता नहीं है। पालतू पशुओं की गिनती 19.24 करोड़ है। इसमें से सिर्फ गायों की गिनती ही 14.51 करोड़।राजस्‍थान (23 हजार) में है, महाराष्‍ट्र (18 हजार), उत्‍तर प्रदेश (16 हजार), बिहार और गुजरात (11 हजार) हैं। जहां एक संविधान के अनुच्‍छेद द्वारा मिला जीवन का अधिकार है तो दूसरी तरफ पशु क्रूरता से जुड़े कानून हैं।

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