दरअसल मामला मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर का है, जहाँ दो मंजिला मकान का बिजली बिल 3400 करोड़ से ज्यादा (34 अरब 19 करोड़ 53 लाख 25 हजार 293 रुपये) आया जिसके देखकर परिवार के 2 लोगों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।
ग्वालियर शहर के सिटी सेंटर मेट्रो टावर के पीछे शिव विहार कॉलोनी में एडवोकेट संजीव कनकने अपनी पत्नी और ससुर के साथ रहते हैं और उनके दो मंजिला घर का बिजली का कनेक्शन उनकी पत्नी प्रियंका गुप्ता के नाम पर है।
जब इस महीने मोबाइल पर बिजली बिल का मैसेज देखा कि उनका बिजली बिल 3400 करोड़ रुपये से ज्यादा आया तो परिवार के पैरों तले जमीन खिसक गई।
हालाँकि परिवार के एक सदस्य को ऐसा भी लगा कि शायद यह बिजली बिल का मैसेज धोखे में आ गया होगा अथवा कोई गडबड होगी।
लेकिन जब ऑनलाइन चेक किए जाने पर एवं घर पर आए बिजली के बिल की कॉपी में भी देखा तो सभी जगह यही बकाया धनराशी दिखाई दी।
जिसके बाद मकान मालकिन महिला प्रियंका गुप्ता का ब्लड प्रेशर बढ़ गया और उनके हार्ट पेशेंट पिता राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता को ब्लड प्रेशर बढ़ने के कारण तबियत बिगड़ने से अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
संजीव कनकने का कहना है कि उन्होंने बिजली विभाग के कई चक्कर लगाए और अफसरों को अपनी बात समझाई, बिजली विभाग के अफसरों ने भी गलती मानी और करेक्शन भी कराया।
उनका कहना है कि बिजली कंपनी ने तो इसे मानवीय भूल बता दिया और पल्ला झाड लिया, लेकिन इस सब के कारण उनके परिवार की तबीयत काफी बिगड़ गई।
वहीं बिजली कंपनी के महाप्रबंधक नितिन मांगलिक मानते हैं कि यह एक मानवीय भूल थी, जिसे सुधार दिया गया है लेकिन गलती करने वाले कर्मचारी की बर्खास्तगी के साथ असिस्टेंट रेवेन्यू ऑफिसर को निलंबित कर दिया गया है और जूनियर इंजीनियर को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
बिजली कंपनी को अपनी गलती समझ में आई तो तुरंत बिल को संशोधित किया और अब प्रियंका गुप्ता को बजाय 3400 करोड़ रुपये के महज 1300 रुपये का बिल जमा करना है।
मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का कहना है कि गलती हुई है, इसे सुधारा गया और कार्रवाई भी की जा रही है, हमने कितनी जल्दी गलती को सुधारा, उसे सभी देखिए ।