मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली में तीन नगर निगमों के एकीकरण के लिए मंजूरी के बाद “दिल्ली नगर निगम (संशोधन) अधिनियम, 2022” विधेयक आज संसद में पेश होने जा रहा है, संसद से बिल पास होने के बाद दिल्ली के तीनों नगर निगमों को भंग कर चुनाव कराए जाएंगे.
दिल्ली के तीनों नगर निगमों को एक करने वाला बिल शुक्रवार 25 मार्च को लोकसभा में पेश किया जाएगा. इस बिल को गृहमंत्री अमित शाह पेश करेंगे. इससे पहले केंद्रीय कैबिनेट की तरफ से इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी. संसद से बिल पास होने के बाद दिल्ली के तीनों नगर निगमों को भंग कर चुनाव कराए जाएंगे.
सूत्रों के अनुसार तीनों नगर निगमों के वार्डों का परिसीमन इस तरह किया जाएगा कि विलय होने के बाद अस्तित्व में आने वाली नगर निगम में 250 से अधिक वार्ड नहीं होंगे और नगर निगम के चुनाव छह साल के बाद होने की संभावना है।
दिल्ली नगर निगम संशोधन अधिनियम,2011 के अनुसार, पूर्व में, दिल्ली नगर निगम को वर्ष 2011 में दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (SDMC), उत्तरी दिल्ली नगर निगम (NDMC), और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (EDMC) सहित तीन नगर निगमों में विभाजित किया गया था। (दिल्ली अधिनियम, 2011 का 12)
परंतु क्षेत्रीय विभाजन के कारण प्रत्येक निगम की राजस्व-सृजन क्षमता के संदर्भ में इन निगमों का विभाजन असमान था। नतीजतन, तीनों निगमों के लिए उपलब्ध संसाधनों और निगमों दायित्वों की तुलना में बहुत बड़ा अंतर था। इसके परिणामस्वरूप तीनों निगमों के संसाधनों और उनकी देनदारी के मामले में असमानता बढ़ती ही चली गई.
विधेयक के मुताबिक़, धीरे धीरे हालात इतने ख़राब होते चले गए कि निगमों के कार्यरत और रिटार्यड कर्मचारियों को वेतन देने में भी मुश्किलें आने लगीं. इसका असर दिल्ली के नागरिकों को में मिलने वाली सुविधाओं पर भी पड़ने लगा था.
विधेयक के प्रावधानों अनुसार नगर निगम में वार्डों की कुल अधिकतम संख्या 250 से अधिक नहीं होगी। पूर्व में वर्ष 2007 में एकीकृत नगर निगम में वार्डों की संख्या 134 से बढ़ाकर 272 की गई थी और वर्ष 2012 में दिल्ली नगर निगम के विभाजन के बाद अस्तित्व में आई उत्तरी, दक्षिणी और पूर्वी दिल्ली नगर निगम में भी कुल 272 वार्ड है। उत्तरी और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में 104-104 वार्ड, जबकि पूर्वी दिल्ली नगर निगम में 64 वार्ड हैं।
दिल्ली में तीनों नगर निगमों के चुनाव टाले जाने को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) लगातार बीजेपी पर हमलावर है. चुनाव आयोग ने तर्क दिया था कि, केंद्र सरकार तीनों निगमों को एक करना चाहती है, इसीलिए चुनाव की तारीखों को टाला गया है. अब जबकि निगम चुनाव का टलना तय है, तो दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच तनातनी भी बढ़ने लगी है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कल ही विधानसभा में इसे लेकर सीधे प्रधानमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी उनकी छोटी सी पार्टी से डर गई.