बशिष्ठ नारायण पाण्डेय का जन्म 1924 को गोल्डी चंपा, पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड में हुआ लेकिन उनका जीवन बिहार के दरभंगा ज़िले के कमतौल में बीता था।
पांडे ने नौवीं (9) तक की शिक्षा दरभंगा नेशनल स्कूल से की, जब वह आईएनए से जुड़े तब वह नौवीं पास ही थे।
पांडे की आज़ाद हिंद फौज के सदस्य थे। वह 1943 से आज़ाद हिंद फौज से जुड़े थे।
उन्हें 1943 में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने मेडल से नवाजा था जब पांडे ने नेताजी को 9:30 के जगह 9:36 में आने के कारण रोक दिया था। नेताजी ने कहा था जिस देश में पांडे जी जैसे सिपाही होंगे, वह देश कभी हार नहीं सकता।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय ओपन विश्वविद्यालय ने अगस्त 2019 में पांडे जी को सम्मानित भी किया था।
31 जनवरी 2022 को बशिष्ठ नारायण पाण्डेय के नाम पर भारतीय डाक विभाग ने डाक टिकट भी जारी किया था।