एक के बाद एक वायरसों का संक्रमण रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इंसानों पर कोरोना वायरस का संक्रमण, पक्षियों पर बर्ड फ्लू का संक्रमण और कुत्तों पर पार्वो वायरस के संक्रमण का हमला, इस वायरस के संक्रमण से राजस्थान के उदयपुर और उसके आसपास के इलाकों में अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले कुत्तों की संख्या अचानक छह गुना तक बढ़ गई है।
जिस प्रकार कोरोना वायरस मनुष्यों के एक दूसरे के संपर्क में आने से फैल रहा था उसी प्रकार से पार्वो वायरस कुत्तों से कुत्तों में फैल रहा है। जिस कारण सबसे ज्यादा मुसीबत उन लोगों के लिए जिन्होंने एक से अधिक कुत्ते पाले हुए हैं
पशु चिकित्सकों का कहना है कि काफी संख्या में लोग अपने पालतू कुत्तों को लेकर अस्पताल पहुँच रहे हैं लेकिन उपचार के बाद भी इन कुत्तों की जान बचाना काफी मुश्किल हो रहा है, कुत्तों के शरीर में पार्वो वायरस आमाशय व आंत में संक्रमण फैला रहा है
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जिसका घातक प्रभाव कुत्तों के पाचन तन्त्र पर पड़ रहा और उनका खाना-पीना छूट रहा है,कुत्तों को लगातार उल्टी व दस्ते होते हैं और उल्टी में खून भी निकलने लगता है। जो कि संक्रमित कुत्तों की मौत का सबसे बड़ा कारण बन रहा है।
विशेषज्ञ कहते हैं कि पालतू कुत्तो को तो उनके पालकों द्वारा उचित देख-रेख एवं उपचार मिल रहा है लेकिन चिंताजनक बात यह है कि शहर भर में गली में घूमने हजारों कुत्ते के बीच यदि यह वायरस तेजी से फैला तो स्तिथि काफी भयावह रूप ले सकती है।
हालाँकि गली में घूमने वाले कुछ कुत्तों को स्थानीय पशु-प्रेमियों द्वारा अस्पताल पहुँचाया गया लेकिन उपचार के अभाव में उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।
पशु चिकित्सकों के मुताबिक अभी तक अन्य पशु जैसे बैल, बकरी, गाय, घोड़ा और ऊंट पूरी तरह से सुरक्षित हैं। उनमें इस वायरस के संक्रमण के कोई लक्षण नहीं पाए गए हैं, यह वायरस सिर्फ कुत्तों को ही संक्रमित कर रहा है।