मीना कुमारी ने आखिरी दिनों में गुलजार को सौंप दी थी अपनी कीमती चीज

हिंदी सिनेमा जगत

की लीजेंड एक्ट्रेस मीना कुमारी ने अपनी अदाकारी के दम पर लाखों को अपना दीवाना बनाया. उनकी फिल्मों ने दर्शकों को सिर्फ लुभाया ही नहीं बल्कि उन्हें वो दर्जा दिलाया जिसकी वह रीयल लाइफ में भी हकदार थीं. मीना कुमारी फिल्मों में जितनी हिट रहीं शायद उतनी रियल लाइफ में नहीं रह पाईं.

मीना कुमारी ने बचपन से लेकर जवानी तक मुश्किल समय देखा, उन्होंने जो भी पाया अपनी मेहनत के दम पर पाया. एक समय के बाद नाम और शोहरत बनाने के बाद भी उन्हें कभी प्यार का साथ हासिल नहीं हो सका.

मासूम को 7 साल की उम्र में करना पड़ गया था काम

मीना कुमारी का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था, उनके परिवार ने अपनी बेटी को अनाथालय में छोड़ने का फैसला तक कर लिया था. फिर प्यार और मोह ने पिता को ऐसा कड़ा कदम उठाने से रोक दिया. मीना कुमारी अपना बचपन ठीक से जी भी नहीं पाई थीं कि उन्हें 7 साल की उम्र से काम करना पड़ गया.

एक्टिंग नहीं शायरी में था रोमांच

मीना कुमारी ने खूब काम किया लेकिन उन्हें कुछ खास रोमांच नहीं आया. एक्ट्रेस को शायरी लिखने का शौक था, उन्होंने कैफी आजमी से शायरी के गुण भी सीखे थे. वह शायरी के कारण गुलजार साहब के करीब भी आईं. दोनों फिल्म ‘बेनजीर’ के दौरान दोस्त बने थे.

बता दें मीना कुमारी को शराब पीने की लत लग गई थी. जिसके कारण उन्हें लीवर की बीमारी हो गई. मीना कुमारी को पता था अब उनके पास बहुत कम समय है, इसलिए उन्होंने फिल्मों से भी पत्ता काटना शुरू कर दिया. उसी दौर में मीना कुमारी ने अपनी शायरी गुलजार साहब को सौंप दी. मीना कुमारी के निधन के बाद गुलजार साहब ने एक्ट्रेस की शायरी को मीना कुमारी की शायरी के नाम से पब्लिश कराया.

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