लकड़ी बीनने के
दौरान महिला को 4.39 कैरेट का बेशकीमती हीरा पड़ा मिला. इस हीरे की अनुमानित कीमत 15 लाख से अधिक आंकी जा रही है.
मध्य प्रदेश की रत्नगर्भा नगरी पन्ना न जाने कितनों की तकदीर बदल चुकी है. पन्ना में तकदीर बदलने की हजारों कहानियां सुनने मिल जाएंगी लेकिन इनमें एक सबसे अलग ही भाग्य बदलने वाली कहानी देखने को मिली है. यहां एक आदिवासी महिला जंगल में लकड़ी बीनने गई थी जहां उसे एक चमकीला पत्थर मिला. उसे वह घर ले आयी तो पता चला कि यह हीरा है. इसकी वजह से उसकी जीवन भर की गरीबी दूर होती नजर आई. इस हीरे की कीमत 15 लाख से अधिक रुपये आंकी गई है.
जमा कराया हीरा कार्यालय में
पन्ना शहर से लगे पुरुषोत्तमपुर गांव की आदिवासी महिला गेंदा बाई (50 वर्ष) को जंगल में लकड़ी बीनने के दौरान 4.39 कैरेट वजन वाला जेम क्वालिटी का बेशकीमती हीरा पड़ा मिला है. महिला ने हीरे को अपने पति परमलाल के साथ पन्ना आकर कलेक्ट्रेट स्थित हीरा कार्यालय में जमा करा दिया है. इस हीरे की अनुमानित कीमत 15 लाख से अधिक आंकी जा रही है.
महिला ने क्या बताया
हीरा मिलने से अत्यधिक प्रसन्न गेंदा बाई ने बताया कि, तीन-चार दिन पूर्व वह लकड़ी लेने के लिए पुखरी के जंगल गई थी. वहीं जंगल के रास्ते में मुझे चमकती चीज दिखाई दी, जिसे उठाकर मैं घर ले आई थी. हमनें कभी हीरा देखा नहीं था, इसलिए कांच का टुकड़ा समझकर घर में ही रख दिया. आज मेरे पति परमलाल ने कहा कि पन्ना चलकर साहब को इसे दिखाते हैं और हम दोनों पन्ना आ गए. यहां हीरा ऑफिस में जब इसे दिखाया तो पता चला कि यह कांच का टुकड़ा नहीं हीरा है. यह जानकर गेंदाबाई की खुशी का ठिकाना नहीं है. वह कहती हैं कि अब बेटियों की शादी धूमधाम से करेंगी.
पति करते हैं मजदूरी
50 वर्षीय गेंदबाई के 8 बच्चे हैं. सबसे बड़ा 35 साल का बेटा है जिसकी शादी हो चुकी है, उसके भी बच्चे हैं. पति परमलाल जहां काम मिल गया वहां मजदूरी करता है. इतने बड़े परिवार का इस महंगाई में बड़ी मुश्किल से गुजारा होता है. गेंदा बाई ने बताया कि चूल्हा जलाने के लिए वह लकड़ी लेने जंगल गई थी और ऊपर वाले ने उनकी सुन ली. अब सारी तकलीफें दूर हो जाएंगी.
करेंगी बेटियों की शादी
गेंदा बाई ने बताया कि उसके छह बेटे और दो बेटियां हैं. बड़ी बेटी 20 साल की है, जिसकी शादी करनी है. पैसा ना होने के कारण शादी नहीं कर पा रहे थे लेकिन अब दोनों बेटियों की अच्छे से शादी करेंगे. छोटी बेटी क्रांति अभी 15 साल की है. परमलाल ने बताया कि इसके पहले उन्होंने कभी हीरा नहीं देखा था, पहली बार हीरा हाथ से छूकर देखा है.