अब महंगाई की नई निशाना में गाड़ी और मोबाइल हैं। जल्द ही इनकी दामों में तेज़ी देखने को मिलेगी। आपको बता दें, अगले साल अप्रैल से वाहनों के प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए ब गए BS-VI मानकों का फेज टू शुरू होगा। इसके बाद कंपनियों को कारों के इंजन में कई बदलाव करने होंगे। इस बदलाव से कारो के नाइट्रोजन उत्सर्जन का स्तर घटाया जा सकेगा।
उसके बाद से ही कारो में particulate matter sensors लगाना अनिवार्य होगा। इस खर्च के कारण लागत बढ़ जाएगी। इसे डीजल कार 80 हज़ार रुपये दाम बढ़ सकती और पेट्रोल कार की कीमत में 25 से 30 हज़ार रुपये तक बढ़ेगी । इससे हाइब्रिड कारों को फायदा होगा, उनकी दम कम होगी।
आपको बता दें, जल कारों की कीमतों में बढ़ोतरी कारण यह भी है, की दिल्ली समेत कई शहर में 10 साल पुरानी डीजल कारें बैन कर दिए गए हैं। डीजल कारों को लेकर कंपनियां सरकार अब भी कुछ नहीं कह पा रहीं हैं। नीतियों को लेकर असमंजस में हैं। इसलिए डीजल मॉडल्स में निवेश करने का फैसला सही नहीं कुछ हद तक।
साल 2007-08 में पेट्रोल की कीमतों में काफी अंतर था। देश में डीरेगुलेशन से डीजल और पेट्रोल के दाम तकरीबन बराबर हो गए। ऐसे में अचानक से डीजल कारों की मांग घट गई। इसके कारण इलेक्ट्रिक कारों को लेकर अब भी सोचा जा रहा हैं। जहां के महंगा होने से CNG कारों की मांग में तेजी आने लगी। लेकिन अब जिस से CNG के दाम बढ़ रहे हैं तो वहां भी योजनाओ के विस्तार को लेकर कंपनियां सोच में पड़ गई हैं।
उपयुक्त जानकारी के अनुसार जल्द ही, दिवाली के बाद एं लेवल स्मार्टफोन के दाम भी तेजी से बढ़ सकते हैं। इसका कारण रहा, रुपये में कमजोरी आना और जिनके कारण कम मार्जिन वाले एंट्री लेवल स्मार्टफोन के दाम बढ़ाना कंपनियों की मजबूरी हो गई है। आपको यह भी बता दें, अक्टूबर-दिसंबर में सस्ते स्मार्टफोन के दाम में कम से कम 5 से 7 फीसदी तक बढ़ सकते है।