भरतपुर में नीतू किन्नर की अनोखी पहल, 10 साल में 100 गरीब बेटियों के हाथ करवाए पीले

भरतपुर में किन्नर नीतू मौसी ने आज एक ही मंडप में हिन्दू और मुस्लिम 10 गरीब बेटियों की एक साथ शादी करवाई. शादी के मौके पर हजारों की संख्या में बाराती और घराती पहुंचे.

कहते हैं

अपने लिए तो सभी जीते हैं लेकिन जो दूसरों के लिए जीए वही जिंदगी है. किन्नरों की एक अनूठी पहल ने सभी को हैरान कर दिया है. किन्नरों ने ना केवल हिन्दू मुस्लिम एकता बल्कि सभी जाति, धर्मों में भाईचारे और आपसी प्रेम को बढ़ावा देने का काम किया है. राजस्थान के भरतपुर में किन्नरों ने गरीब बेटियों की शादी करवाने का बीड़ा उठाया है. शादी में बेटियों को दुल्हन के तौर पर सोने के गहने, पारिवारिक जिंदगी में काम आनेवाले सामान दिए जाते हैं. गरीब बेटियों की शादी का सिलसिला पिछले 10 वर्षों से लगातार जारी है.

किन्नर नीतू मौसी ने करवाई 10 गरीब बच्चियों की शादी

किन्नर नीतू मौसी ने आज एक ही मंडप में हिन्दू और मुस्लिम 10 गरीब बेटियों की एक साथ शादी करवाई. कुल दस बेटियों में 5 हिन्दू और 5 मुस्लिम धर्म की हैं. शादी के मौके पर हजारों की संख्या में बाराती और घराती पहुंचे. उनके लिए दावत का शानदार इंतजाम भी था. किन्नर नीतू मौसी ने बताया कि शादी के लिए पूरा सामान भी दिया है. बाराती और घरातियों के लिए अच्छी दावत का इंतजाम भी किया है. शादी समारोह में लाखों रुपये खर्च आता है लेकिन नीतू मौसी बहन किसी से कुछ भी सहायता नहीं लेती.

एक ही मंडप में होती हैं हिंदू-मुस्लिम की गरीब बेटियां

उन्होंने कहा की घर घर से साल भर तक होनेवाली किन्नरों की कमाई को उसी साल के अंत में गरीब बेटियों की शादी कराकर खर्च कर दिया जाता है. एक ही मंडप में हिन्दू-मुस्लिम बेटियों की शादी को उन्होंने गंगा यमुना तहजीब की तरह एकता और प्रेम की मिसाल बताया. किन्नर नीतू मौसी को शहरवासियों ने नगर निगम पार्षद का चुनाव भी लड़ाया था. भाजपा ने उनको टिकट भी दे दिया था. नीतू नगर निगम के वार्ड 29 से पार्षद रह चुकी हैं. शहर में किन्नरों की नीतू मौसी अध्यक्ष भी हैं जो सभी किन्नरों को अपने बच्चों की तरह एक ही परिवार मानकर ध्यान रखती हैं.

उनका कहना है की

भगवान ने हमारा जीवन तो कुछ अलग तरह का नसीब किया मगर हम इस जीवन को सार्थक करने के लिए अच्छे कार्य कर सकें और गरीब बेटियों का हाथ पीले कराना सौभाग्य की बात है. ये किन्नर साल भर बच्चे के जन्म पर घर घर जाकर गाना गाते हैं, झूमते हैं और खुशी मनाते हैं. लोगों से मिलनेवाले रुपये को इकठ्ठा करते हैं और फिर हर नवंबर को गरीब बेटियों की शादी पर सभी कमाए गए रुपये को खर्च कर देते हैं.

 

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