दोस्तों आप लोग इस बात से
अवगत होगे कि हमारे सामने आये दिन कई प्रकार की खबरे सुनने को मिलती है ऐसे में हम बात करने वाले है दुनियाभर में हर प्रकार के लोग प्यार पाना चाहते है प्यार के बारे में लोग तरह-तरह की बात करते है शादी में हर पति और पत्नी दोनों सुख-दुःख में साथ रहने और सात जन्म तक साथ रहने का वादा करते है
पर कई लोग ऐसे है जो इस वादे को पूरा नहीं करते पर इस दुनिया में ऐसे लोग है जो अपने वादे को पूरा किया है हम बताने जा रहे है डॉक्टर सुरेश चौधरी ने पत्नी के इलाज के लिए ना केवल अपनी डिग्री गिरवी रख दी बल्कि सबकुछ दांव पर लगा दिया और अपने प्यार को बचा लिया आज इस कपल की चर्चा हर तरफ हो रही है इस कपल के बारे ने आगे जानने के लिए पोस्ट के अंत तक बने रहिये
पत्नी के इलाज पर खर्च किए
सवा करोड़, 70 लाख में गिरवी रखी डिग्री, मौत के मुंह से लौट आई लाइफ-पार्टनर, दरअसल सुरेश चौधरी पाली जिले के खैरवा गांव के रहने वाले हैं सुरेश अपनी पत्नी अनिता उर्फ अंजू और पांच साल के बेटे के साथ अपने गांव में ही रहते हैं अनिता को अचनाक तेज बुखार आ गया और कुछ समय बाद तबीयत और बिगड़ गई सुरेश पत्नी को लेकर जोधपुर एम्स पहुंचे और वहां भर्ती करवाया पर सुरेश को दुसरे दिन छुट्टियां नहीं मिल रही थी
इसलिये वे अपने एक रिश्तेदार को पत्नी के पास छोड़कर वापस ड्यूटी पर आ गए इस बीच पता चला कि अनिता की हालत और ज्यादा खराब हो गई उस समय तक उनके लंग्स 95 फीसद तक खराब हो चुके थे और वे छोटे वेंटिलेटर पर थीं डॉक्टर्स ने कह दिया कि बचना काफी मुश्किल है इन हालात में भी सुरेश ने हार नहीं मानीं
और वे पत्नी अंजू को लेकर अहमदाबाद चले गए वहां सुरेश ने पत्नी को निजी अस्पताल में भर्ती करवाया बीमारी के दौरान अनिता का वजन 50 किलो से घटकर 30 किलो रह गया था शरीर में खून की जबर्दस्त कमी हो गई थी इसके चलते अंजू को ईसीएमओ मशीन पर लिया गया.
डॉक्टर्स के मुताबिक इसके जरिये
हार्ट और लंग्स बाहर से ऑपरेट होते हैं यह प्रक्रिया काफी खर्चीली होती है इसका औसतन एक दिन का खर्चा एक लाख रुपए से ज्यादा होता है पत्नी की बीमारी के कारण सुरेश कर्ज के बोझ से दबते गए लेकिन उनकी जिद थी कि जैसे भी हो पत्नी को हर हाल में बचाना है अनिता 87 दिन इस मशीन पर रही उसके बाद उनकी तबीयत में सुधार हुआ और वह मौत के मुंह से बाहर आईं
सुरेश ने पत्नी के इलाज के लिए अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया इलाज के लिए रुपये जुटाने के लिये सुरेश ने अपनी एमबीबीएस की डिग्री गिरवी रखकर बैंक से 70 लाख रुपए का लोन लिया उनके पास खुद की सेविंग केवल 10 लाख रुपए थी इसके अलावा सुरेश ने अपने दोस्तों और साथी चिकित्सकों से 20 लाख रुपये लिए वहीं 15 लाख रुपये में अपना एक प्लॉट बेचा बाकी रिश्तेदारों से भी रकम उधार ली
अनिता का कहना है कि वह केवल पति की जिद और जुनून के कारण ठीक हुई है पत्नी के ठीक होने के बाद सुरेश के चेहरे पर संतोष हुआ सुरेश कहते हैं कि पत्नी से सात जन्म तक साथ निभाने का वादा किया है उसे यूं ही आंखों के सामने कैसे मरने देता पैसे तो और कमा लूंगा लेकिन अगर पत्नी को कुछ हो जाता तो शायद वह भी जिंदा नहीं रह पाता.