भारत के विमानन नियामक DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) ने सोमवार को मुंबई-दुर्गापुर उड़ान में गंभीर फ्लाइट टर्बुलेंस की घटना के बाद स्पाइसजेट के चालक दल को हटा दिया है।
डीजीसीए ने कहा, “डीजीसीए ने शामिल चालक दल, विमान रखरखाव इंजीनियर (एएमई) को हटा दिया है, जिन्होंने दुर्गापुर, पश्चिम बंगाल से विमान को छोड़ा था और स्पाइसजेट के रखरखाव नियंत्रण केंद्र के प्रभारी थे।”
इस बीच, नागरिक उड्डयन मंत्री, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भीषण फ्लाइट टर्बुलेंस की घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त की।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के अधिकारियों ने कहा कि रविवार को, मुंबई से पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर जाने वाली स्पाइसजेट की एक उड़ान तूफान की चपेट में आ गई, जिससे इस उड़ान में कुल 15 लोग, 12 यात्री और तीन केबिन क्रू सदस्य घायल हो गए।
इस बीच, डीजीसीए (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) ने मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन किया है।
डीजीसीए प्रमुख अरुण कुमार ने बताया, ‘‘हमने इस घटना की नियामकीय जांच करने के लिए एक बहुआयामी टीम नियुक्त की है।
डीजीसीए के एक अधिकारी ने कहा, “फिलहाल, डीजीसीए की टीम विमान का निरीक्षण करने के लिए कोलकाता हवाईअड्डे पर पहुंच गई है और घायल यात्रियों से उनके बयान के लिए मिलने के लिए तैयार है।”
अधिकारी ने कहा, “उसके बाद, स्पाइसजेट के चालक दल के सदस्यों से एक बयान मांगा जाएगा। अगर जांच में सुरक्षा नियमों में कोई खामी पाई जाती है, तो नियामक सख्त कार्रवाई करेगा।”
सिंधिया ने अपने ट्वीट में कहा, “दुर्गापुर में उतरते समय एक उड़ान में हुई गड़बड़ी और यात्रियों को हुई क्षति दुर्भाग्यपूर्ण है। @DGCAIndia ने घटना की जांच के लिए एक टीम को तैनात किया है। मामले को पूरी गंभीरता से निपटाया जा रहा है।”
इसके बाद उन्होंने एक और ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा, “जांच पूरी होने के बाद कारणों के बारे में अधिक जानकारी साझा की जाएगी।”
स्पाइसजेट के एक प्रवक्ता ने सोमवार को कहा, “1 मई को मुंबई से दुर्गापुर जाने वाली स्पाइसजेट की उड़ान एसजी-945 में यात्रा कर रहे 11 यात्रियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिन्हें उतरने के दौरान गंभीर फ्लाइट टर्बुलेंस का सामना करना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप कुछ यात्रियों को चोटें आईं।”
प्रवक्ता ने कहा कि अस्पताल में भर्ती आठ लोगों को अब तक छुट्टी दे दी गई है।
प्रवक्ता ने कहा, “जब विमान को फ्लाइट टर्बुलेंस का सामना करना पड़ा तो सीट बेल्ट का चिन्ह चालू था। पायलटों द्वारा कई घोषणाएं की गईं और चालक दल ने यात्रियों को बैठे रहने और अपनी सीट बेल्ट बांधे रखने का निर्देश दिया।”
दुर्गापुर पहुंचने पर घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।