नागालैंड के सदर्न अंगामी पब्लिक ऑर्गनाइजेशन (एसएपीओ) ने बुधवार को नागालैंड-मणिपुर सीमा पर चल रहे कुल बंद को अनिश्चित काल के लिए बढ़ाने के अपने फैसले की घोषणा की, क्योंकि मणिपुर सरकार केज़ोल्त्सा क्षेत्र में सशस्त्र सुरक्षा बलों को वापस लेने में विफल रही।
एसएपीओ ने कहा कि ड्यूटी पर तैनात अर्धसैनिक बल, मरीजों के साथ एंबुलेंस, पत्रकार बंद से छूट पाने वालों में शामिल होंगे।
मणिपुर ने नागालैंड को पत्र लिखकर आमजन की सुरक्षा एवं सुविधा हेतु शांति बनाए रखने के लिए बंद की वापसी को सुनिश्चित करने को कहा है। विशेष सचिव (गृह) एच ज्ञान प्रकाश ने स्थायी संरचनाओं को बनाए रखने हेतु सशस्त्र सुरक्षा बलों को मणिपुर के क्षेत्र में तैनात किया गया था, जैसा कि SAPO दावा कर रहा है।
नागालैंड सरकार को लिखे अपने पत्र में प्रकाश ने कहा कि मौजूदा स्थिति को सैटेलाइट मैप में भी देखा जा सकता है, प्रकाश ने राजमार्ग को मणिपुर की मुख्य जीवन रेखा बताया और दोनों राज्यों के लोगों के शांति की अपील की। उन्होंने कहा कि क्षेत्रों और सीमाओं से संबंधित मुद्दे को बातचीत के माध्यम से और सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाया जाना है।
नागालैंड -मणिपुर सीमा पर बंद को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार देते हुए नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने कहा कि यह मुद्दा चिंता का विषय है और इसे हल करने की जरूरत है। चल रहे राज्य विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सीमा मुद्दों को हल करने के लिए पड़ोसी राज्यों के साथ काम कर रही है।